Gumla: अंबेडकर नगर की एक महिला ने गरीबी से मजबूर होकर अपनी 5 महीने की बच्ची को बेच दिया. वह अपनी 3 साल की दूसरी बेटी को भी बेचने की कोशिश कर रही थी, लेकिन गांव के लोगों के समझाने के बाद उसने बच्ची को नहीं बेचा. इस बीच बच्ची के बेचे जाने की खबर मंत्री चंपई सोरेन को मिली. उन्होंने जिला प्रशासन को महिला की मदद करने का निर्देश दिया तब जाकर प्रशासन एक्टिव हुआ.
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बिहार में ईंट भट्ठे में काम करते हैं दो बच्चे
महिला टीबी और दूसरी बीमारियों से ग्रसित है. उसके पास दो जून की रोटी के लिए भी पैसे नहीं हैं. बताया जा रहा है कि महिला गुड़िया देवी के तीन और भी बच्चे हैं. एक बच्चे की उम्र 12 साल, दूसरे की 8 साल और तीसरी बच्ची की उम्र 3 साल है. दोनों बच्चे पटना के बिहटा में ईंट-भट्टे में बाल मजदूरी करते हैं. गुड़िया के पहले पति की मौत हो चुकी है. पहले पति की मौत के बाद गुड़िया ने दूसरी शादी सिमडेगा के बंगरु निवासी बजरंग साहू से की, जो कबाड़ी का काम करता था. लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही उसने गुड़िया को छोड़ दिया. जिसके बाद से गुड़िया बेसहारा और बेघर हो गई है.
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जिला प्रशासन ने महिला के इलाज का किया प्रबंध
जिला प्रशासन की पहल पर सदर SDO और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने अंबेडकर नगर पहुंचकर गुड़िया देवी से मुलाकात की और उसके इलाज का समुचित प्रबंध कराया. वहीं गुड़िया देवी के दो बच्चे जो बिहार में किसी ईंट-भट्ठे में काम कर रहे हैं उनकी वापसी के लिए प्रशासनिक स्तर पर जरूरी पहल की जा रही है. साथ ही जिस दूधमुंहे बच्ची को 5 हजार रुपये में बेच दिया था उसकी भी वापसी के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
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