सत्र: सीपी सिंह और नवीन जायसवाल ने सरकार को घेरा, कहा- प्रमाण दिखा दें तो दूंगा इस्तीफा
महिला मुखिया वाले परिवार
सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC, 2011) के अनुसार, झारखंड में 10.45 प्रतिशत घरों की मुखिय महिलाएं हैं, जो राष्ट्रीय औसत (12.88 प्रतिशत) से कम है.दिव्यांग व्यक्ति
राज्य में 1.85 प्रतिशत ग्रामीण और 2.59 प्रतिशत शहर आबादी किसी न किसी प्रकार की दिव्यांगता से प्रभावित है. पूरे भारत में दिव्यांगजन संख्या में से 29 प्रतिशत झारखंड में निवास करती है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है.सरकारी प्रयास
राज्य सरकार ने झारखंड के जनजातीय और अन्य वंचित समुदायों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, ताकि सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा दिया जा सके. झारखंड के अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य वंचित समुदायों की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य स्थितियां भिन्न-भिन्न हैं. इस कारण सरकार ने इन समुदायों के लिए विशेष योजनाएं लागू की हैं.वंचित समुदायों की स्थिति
झारखंड में सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के अलावा कुछ अन्य समूह भी विभिन्न प्रकार की वचनाओं का सामना कर रहे हैं. इनमें महिला मुखिया वाले परिवार, दिव्यांग व्यक्ति और ट्रांसजेंडर शामिल हैं. इसे भी पढ़ें -ऐतिहासिक">https://lagatar.in/historic-jagannath-temple-complex-will-be-rejuvenated-rs-2-9-crore-approved/">ऐतिहासिकजगन्नाथ मंदिर परिसर का होगा कायाकल्प, 2.9 करोड़ रुपए स्वीकृत
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