LagatarDesk : अमेरिका के राष्टपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात एक तीखी बहस में बदल गयी, जो वर्तमान में पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ, लेकिन यह चर्चा नोंकझोंक में बदल गयी. गुस्से में जेलेंस्की ने ट्रंप से यह तक कह दिया कि आप पुतिन की भाषा बोल रहे हैं. ट्रंप ने बीच में ही बातचीत बंद कर दी और जेलेंस्की भी व्हाइट हाउस छोड़कर अपने होटल चले गये. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मानें तो ट्रंप ने ही जेलेंस्की को व्हाइट हाउस छोड़ने को कहा था.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) February 28, 2025
ट्रंप का आरोप, जेलेंस्की शांति के लिए तैयार नहीं, अमेरिका का अपमान किया
राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि आज व्हाइट हाउस में उनकी बैठक बहुत महत्वपूर्ण रही. उन्होंने बताया कि इस बातचीत से कई बातें सामने आईं जो बिना इस तरह के तनाव और दबाव के समझना मुश्किल था. ट्रंप ने कहा कि यह दिलचस्प है कि भावनाओं के जरिए क्या-क्या सामने आता है. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की शांति के लिए तैयार नहीं हैं, जब तक अमेरिका इसमें शामिल है. क्योंकि उन्हें लगता है कि अमेरिका की मदद उन्हें वार्ता में लाभ देती है. ट्रंप ने कहा कि उन्हें कोई लाभ नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें शांति चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ज़ेलेंस्की ने अपने ओवल ऑफिस में अमेरिका का अपमान किया. ट्रंप ने कहा कि जब ज़ेलेंस्की सच में शांति के लिए तैयार होंगे, तब वे वापस आ सकते हैं.
डील के लिए बुलाकर अमेरिका ने अवमानना की
इस बहस के बाद यूक्रेन के नागरिक समेत कई देश जेलेंस्की के समर्थन में आ गये हैं. उनका कहना है कि व्हाइट हाउस में बातचीत के दौरान अमेरिका ने अवमानना दिखायी. वहीं जेलेंस्की की तारीफ करते हुे कहा कि उन्होंने देश के हितों की रक्षा के लिए बहादुरी से लड़ाई की.
यूक्रेन के राष्ट्रपति के समर्थन में उतरने वाले देशों में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, यूके के अलावा स्लोवेनिया, बेल्जियम, आयरलैंड, ऑस्ट्रिया, रोमानिया, क्रोएशिया, फिनलैंड, एस्तोनिया, लातविया, नीदरलैंड, लक्समबर्ग, पुर्तगाल, स्वीडन, नॉर्वे, चेक रिपब्लिक, लिथुआनिया, मोलदोवा, स्पेन, पोलैंड, और ईयू ब्लॉक शामिल हैं. इटली ने एक शिखर सम्मेलन का भी आह्वान किया है.
दोनों राष्ट्रपति के बीच डील हुई पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुकर गये ट्रंप
दरअसल व्हाइट हाउस में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दी गयी आर्थिक और सैन्य सहायता का मुआवजा मांगा. ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका को उस निवेश का रिटर्न चाहिए और उन्होंने 500 अरब डॉलर की मांग की. लेकिन ट्रंप 350 अरब डॉलर पर मानने को तैयार हुए.
इस बीच, ट्रंप ने शर्त रखी कि यूक्रेन को सुरक्षा संबंधी कोई सहायता नहीं मिलेगी. राष्ट्रपति जेलेंस्की बिना सुरक्षा गारंटी के मिनरल डील पर हस्ताक्षर करने के लिए अमेरिका भी पहुंचे. उनकी मुलाकात के दौरान ट्रंप खुद दरवाजे तक उनके स्वागत के लिए आये, जिसकी तस्वीरें भी सामने आयीं. लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब एक पत्रकार ने यूक्रेन की सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल पूछा, तो ट्रंप ने इस विषय पर बात करने से साफ इनकार कर दिया.
इसके बाद ट्रंप और जेलेंस्की के बीच प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान ही तीख नोंकझोंक हो गयी. लेकिन बात बिगड़ जाने से डील भी नहीं हो पायी. ट्रंप ने बीच में ही बातचीत बंद कर दी और जेलेंस्की भी व्हाइट हाउस छोड़कर अपने होटल चले गये. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मानें तो ट्रंप ने ही जेलेंस्की को व्हाइट हाउस छोड़ने को कहा था.
बहस ने जेलेंस्की के मकसद पर फेरा पानी
जानकारों की मानें तो राष्ट्रपति जेलेंस्की का मुख्य उद्देश्य ट्रंप को मनाना था. एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा था कि वे चाहते हैं कि ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्द में मध्यस्थता करें और उनके पक्ष में खड़े हों. लेकिन इस बहस ने उनके मकसद में पानी फेर दिया. इधर जेलेंस्की ने ट्रंप से माफी मांगने से भी इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि मैं राष्ट्रपति का सम्मान करता हूं और अमेरिका के लोगों का भी. पर मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ गलत किया है.