कांग्रेस इंटक के त्रिपाठी गुट ने केंद्र की निजीकरण की नीति का किया विरोध इस कार्यक्रम में प्रमंडल के सभी 6 जिलों से आए लोकनृत्य कलाकार प्रस्तुति दे रहे हैं. कोरोना संकट के दौर में इन कलाकारों को एक वर्ष तक कोई मंच नहीं मिल सका था. अब हालात सामान्य हो रहे हैं तो झारखंड़ सरकार के कला संस्कृति विभाग द्वारा इन कलाकारों को अवसर दिया गया है. प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संताल उत्सव का आयोजन किया गया है. देखें वीडियो-
30 दल शामिल
दो दिवसीय आयोजन में 30 दल शामिल है. प्रत्येक दिन 15 दल अपनी प्रस्तुति दे रहा है. प्रत्येक दल को 15 हजार रुपये का प्रोत्साहन राशि दिया जाएगा. जानकारों का मानना है कि संताल समाज में प्रचलित कुछ लोकनृत्य आज विलुप्ती के कगार पर है. विलुप्त हो रही कला को संरक्षित करने के लिए इस तरह का आयोजन होना जरूरी है. इसे भी पढ़ें- VBU">https://lagatar.in/vacancy-for-assistant-professor-in-vbu-hazaribagh-apply-soon/37732/">VBUहजारीबाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए निकली वैकेंसी, जल्द करें आवेदन [caption id="attachment_37764" align="aligncenter" width="600"]
alt="" width="600" height="400" /> प्रदर्शन को तैयार कलाकार[/caption]
कलाकारों के चेहरे पर खुशी
बता दें कि दुमका में 1890 से हिजला मेला का आयोजन होता रहा है. लेकिन इस वर्ष कोरोना को लेकर हिजला मेला की अनुमति नहीं दी गयी. एक सप्ताह तक लगने वाले मेले में आदिवासी डांस प्रतियोगिता का आयोजन होता था. मेला नहीं लगने से लोक कलाकार काफी मायूस थे. लेकिन इंडोर स्टेडियम में संताल उत्सव का आयोजन होने से उत्साहित हैं. इसे भी पढ़ें- सचिन">https://lagatar.in/the-arrest-of-sachin-waje-is-an-insult-to-the-maharashtra-police-shiv-sena/37716/">सचिनवाजे की गिरफ्तारी महाराष्ट्र पुलिस का अपमान है: शिवसेना
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