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खाद्य सामग्रियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि, जनता लुटती रही अब जगा प्रशासन

Ranchi: खाद्य सामग्रियों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी देखते को मिल रही है. जिससे लोगों के घरों का बजट बिगड़ गया है. पिछले दो महीने में खाने-पीने की चीजों के दाम में लगातार">http://lagatar.in">लगातार

वृद्धि दर्ज की जा रही है. जो परिवार हर महीने राशन पर 6000 रुपये खर्च करते थे उनका खर्च बढ़कर बढ़कर 7200 रुपये महीने तक पहुंच गया है.

कोरोना वैश्विक संकट के बीच में अब खाद्य सामग्रियों के दाम में भारी इजाफा देखा जा रहा है. रोजमर्रा में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. जिससे आम लोगों का जीवन मुश्किल होता जा रहा है.

कोरोना काल में लुटती रही जनता, अब जगा प्रशासन

पिछले एक माह के दौरान जहां चावल, दाल, चीनी, सरसो तेल,आटा जैसी खाद्य सामग्री की कीमतों में इजाफा हुआ है. तीन माह से लगातार खाद्य सामग्री के मूल्यों में बढ़ोतरी होती जा रही है. मार्च में जहां चीनी का मूल्य 38 रूपये था वो 22 अप्रैल ​को 42 रुपये हो गया. ऐसा ही कुछ अन्य सामानों की कीमतों पर असर पड़ा है. सबसे ज्यादा दाल और तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है.

खाद्य सामाग्री          15 मार्च 2021          22 अप्रैल 2021       मूल्यों में बढ़ोतरी

चीनी                   38 रुपये             42 रुपये           6 रुपये

सलोनी सरसो तेल        148 रुपये            168 रुपये          20 रुपये

रिफाइन तेल             136 रुपये            160 रुपये          24 रुपये

सत्तू                    122 रुपये            136 रुपये          14 रुपये   

गोलकी                   520 रुपये            560 रुपये          40 रुपये

15 फीसदी महंगा हुआ पैकेटबंद सामान

पैकेट बंद वाले प्रोडेक्ट्स की कीमत 10 प्रतिशत तक बढी हैं. थोक दुकानदार के मुताबिक पैकेट बंद सामान साबुन, सर्फ, फिनाइल समेत अन्य सामानों के दामों में वृद्धि हुई है. दाल और तेल की कीमतों में 20-30 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. जमाखोरों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत कार्रवाई होगी.

खाद्य सामग्रियों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद प्रशासन की नींद खुली

इस बीच कोरोना काल में आम लोग लुटते रहे. गृह, कारा, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से विज्ञापन जारी किया गया है. इसका उपयोग कर प्रशासन कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को रोकने का प्रयास करेगा.

सरकार की ओर से खाद्य पदार्थ के मूल्यों पर नियंत्रण लगाने के लिये खुदरा एवं थोक सामग्रियों की दर निर्धारित की जा रही है. व्यापारियों के साथ बातचीत कर प्रशासन कीमतें निर्धारित कर जिलों को भेज रहा है.

Case Study

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न्यूज ने रांची के 25 परिवारों से बातचीत की. अलग-अलग लोगों ने घरेलू उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में इजाफे पर चिंता जाहिर की. रातू रोड़ के एक दुकान में काम करने वाले युवक ने कहा कि एक ओर शहर में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है तो दूसरी ओर राशन सामाग्री की कीमतें भी बढ़ती जा रही हैं. दाल, चावल, आटा, चीन महंगे हो गये हैं. ऐसे में राजधानी में परिवार का गुजर कर पाना संभव नहीं है. इसलिए परिवार को वापस गांव भेज दिया.

बढ़ती महंगाई के कारण परिवार को भेज दिया गांव

संदीप उरांव गुमला के रहने वाले हैं. रांची में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. बच्चों का स्कूल भी बंद है. अक्टूबर 2020 तक परिवार का राशन मद में 6000 हजार रुपये खर्च होता था. 6000 के राशन से चार लोगों का परिवार किसी तरह गुजर बसर कर लेता था. लेकिन अब उतना ही राशन सामाग्री खरीदने के लिए उन्हें 7000 से 7500 रूपये खर्च करने पड़ रहे हैं. संदीप ने कहा कि अल्प वेतन में काम करने वाले लोग आज अपने परिवार को भर पेट भोजन भी नहीं करा सकते.

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