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घाटी के लोगों के बीच की खाई पाटने का काम किया
उग्रवाद से प्रभावित बहु-जातीय राज्य मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में पिछले पांच साल में शांति स्थापना और घाटी तथा पहाड़ के लोगों के बीच की खाई पाटने का व्यापक रूप से श्रेय सिंह को दिया जाता है. मुख्यमंत्री रहते हुए सिंह ने ‘गो टू हिल्स’ (पहाड़ों तक पहुंचें), ‘मीयाम्गी नुमित’ (हर महीने की 15 तारीख जनता का दिन) और ‘हिल्स लीडर्स डे’ (पहाड़ के नेताओं का दिन) जैसे कदम उठाए जिससे राज्य के सुदूर इलाकों में रहने वाले लोगों को भी अपने निर्वाचित नेताओं और शीर्ष नौकरशाहों से मिलने का मौका मिला. सरकार को जनता के करीब ले जाने वाले इन कदमों के कारण सिंह को जमीन से जुड़ा नेता भी कहा जाता है. पिछले पांच साल में थोंगाम बिस्वजीत सिंह की मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा के कारण मणिपुर में सरकार के लिए कुछ आंतरिक चुनौतियां पैदा हुईं, लेकिन सिंह उनसे निपटते हुए पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करने में सफल रहे. इसे भी पढ़ें - हमारे">https://lagatar.in/our-players-are-our-pride-they-should-get-all-opportunities-to-play-hemant-soren/">हमारेखिलाड़ी हमारा गौरव हैं, उन्हें खेलने के सभी अवसर प्राप्त हों : हेमंत सोरेन
पहला चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया था
सिंह ने पहला चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया और 2003 में राज्य की तत्कालीन ओकराम इबोबी सिंह नीत सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री बने और वन तथा पर्यावरण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला. सिंह इस सरकार में इबोबी सिंह के विश्वासपात्र बने और 2007 में फिर से निर्वाचित होने के बाद सिंचाई और खाद्य नियंत्रण, युवा मामलों और खेल तथा उपभोक्ता मामलों और जनापूर्ति विभाग के मंत्री बने.N Biren Singh takes oath as the Chief Minister of Manipur in Imphal. pic.twitter.com/of0TNRh94p
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— ANI (@ANI) March">https://twitter.com/ANI/status/1505845053465321473?ref_src=twsrc%5Etfw">March
21, 2022
इबोबी सिंह से उनका रिश्ता बिगड़ गया था
बीरेन सिंह 2012 में तीसरी बार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे लेकिन इबोबी सिंह से उनका रिश्ता बिगड़ गया था और उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के खिलाफ विद्रोह कर दिया. बाद में उन्होंने मणिपुर विधानसभा की सदस्यता और मणिपुर प्रदेश कांग्रेस समिति की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और अक्टूबर 2016 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. भाजपा में शामिल होने के बाद वह पार्टी की मणिपुर इकाई के प्रवक्ता और चुनाव प्रबंधन समिति के सह-समन्वयक बने. 2017 में वह भाजपा के टिकट पर रिकॉर्ड चौथी बार हेईगांग सीट से निर्वाचित हुए और पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. हालांकि, पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को सिर्फ 21 सीटें मिली थीं, लेकिन पार्टी कांग्रेस के कई विधायकों को अपनी ओर लाने में सफल रही और उसका संख्याबल बढ़कर 28 हो गया. सिंह ने 15 मार्च, 2017 को मणिपुर में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली. इसे भी पढ़ें - बंद">https://lagatar.in/ranchi-municipal-corporation-hospital-is-closed-how-will-common-people-get-cheap-treatment/">बंदपड़ा है रांची नगर निगम का अस्पताल, कैसे मिलेगा आम लोगों को सस्ता इलाज [wpse_comments_template]

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