Lagatar Desk : देश में पहली बार 24 घंटे में 3293 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है. यह इस साल मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है. हालांकि राहत की बात यह है कि पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के नये मामलों में कमी दर्ज की गयी है. इधर जानकारी मिल रही है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में रोजाना तेजी को देखते हुए देश के उन 150 जिलों में पूर्ण लॉकडाउन लगाया जा सकता है. ये वैसे जिले हैं जहां कोरोना की संक्रमण दर 15 फीसदी से ज्यादा है. हालांकि ये कहा जा रहा है कि लॉकडाउन का फैसला उस जिले की संबंधित राज्य सरकार से विचार-विमर्श के बाद ही लिया जायेगा. गौरतलब है कि मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक उच्चस्तरीय बैठक में देश के उन जिलों में लॉकडाउन लगाने की सिफारिश की थी, जहां संक्रमण बहुत ज्यादा है. स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि संक्रमितों की संख्या और पॉजिटिविटी रेट को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन लगाना जरूरी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन जिलों में लॉकडाउन लगाने की सिफारिश की है
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भेजे गये प्रस्ताव में कहा गया है कि देश के जिन 150 जिलों में संक्रमण की दर 15 फीसदी से अधिक है, वहां आवश्यक सेवाओं में छूट के साथ पूरी तरह लॉकडाउन लगाना होगा. ऐसा नहीं करने पर स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ बढ़ जायेगा और पूरी व्यवस्था चरमरा जायेगी. उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु सहित देश के आठ राज्यों में संक्रमण के मामले 69 प्रतिशत से ज्यादा हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रस्ताव के बाद केंद्लॉर सरकार द्वारा लॉकडाउन के मद्देनजर प्रभावित जिलों से संबंधित राज्यों से इस पर विचार लिये जाने की उम्मीद है.
लॉकडाउन को अंतिम विकल्प बताया था प्रधानमंत्री मोदी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में लॉकडाउन को आखिरी उपाय बताया था. उन्होंने कहा था कि अभी सरकार मरीजों के लिए पर्याप्त आक्सीजन, बेड और वैक्सीन का इंतजाम कर रही है. यदि सभी नागरिक एकजुट हों और सब मिलकर कोरोना गाइडलाइंस का पालन करें और इसे लेकर जागरूकता पैदा करें, तो लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी. प्रधानमंत्री ने राज्यों से भी कहा था कि वे अंतिम उपाय के रूप में लॉकडाउन का उपयोग करें. उन्होंने माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर विशेष ध्यान देने की बात कही थी.