7 साल में टैक्स से कमाई दोगुने से अधिक बढ़ी
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से केंद्र सरकार ने राज्यों से ज्यादा कमाई की है. वित्त वर्ष 2014-15 में तेल पर टैक्स से सरकार ने 2.36 लाख करोड़ कमाये थे. वहीं 2019-20 में सरकार को इससे 4.23 लाख करोड़ की कमाई हुई. वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से सरकार को 5.25 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है.वित्त वर्ष 2014-15 में सरकार की कमाई
वित्त वर्ष 2014-15 में सरकार को इनकम टैक्स से 2,58,386 करोड़, कॉरपोरेट टैक्स से 4,28,925 करोड़ और पेट्रोल-डीजल से 2,36,225 करोड़ मिले. इसे भी पढ़े : केंद्रीय">https://lagatar.in/race-to-join-the-union-cabinet-discussion-on-sumo-and-sanjay-jaiswal/92959/">केंद्रीयकैबिनेट में शामिल होने की रेस, सुमो और संजय जायसवाल पर चर्चा
2019-20 में सरकार ने इतना टैक्स वसूला
2019-20 में सरकार को इनकम टैक्स से 4,80,348 करोड़, कॉरपोरेट टैक्स से 5,56,876 करोड़ और पेट्रोल-डीजल से 4,23,550 करोड़ मिले हैं.21 साल में पहली बार टैक्स में आम जनता की हिस्सेदारी कंपनियों से अधिक
आंकड़ों के अनुसार, सरकार को वित्त वर्ष 2020-21 में इनकम टैक्स से 4.69 लाख करोड़ की इनकम हुई है. वहीं पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट से सरकार की आय 5.25 लाख करोड़ रही. सरकार को कॉरपोरेट टैक्स से 4.57 लाख करोड़ मिले हैं. बता दें कि 21 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है. जब आम जनता की हिस्सेदारी कंपनियों के तुलना काफी तेजी से बढ़ी है. वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 सरकार ने पेट्रोल-डीजल से 25 फीसदी से अधिक टैक्स वसूली की है. इसे भी पढ़े : कबीर">https://lagatar.in/kabir-singh-completes-two-years-shahid-kapoor-shares-photo-and-video-in-the-same-look/92893/">कबीरसिंह के दो साल पूरे, Shahid Kapoor ने शेयर किया उसी लुक में फोटो और वीडियो
एक ही बार में पेट्रोल पर 10 और डीजल पर 13 रुपये बढ़ाया ड्यूटी
सरकार ने पिछले साल 6 मई को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी. यही कारण हैं कि सरकार की कमाई इतनी बढ़ी है. सरकार ने एक ही बार में पेट्रोल पर 10 और डीजल पर 13 रुपये टैक्स बढ़ा दिये. बता दें कि सरकार ने एक्साइज ड्यूटी तब बढ़ायी थी जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कम थे. भारत में उस समय कच्चे तेल के दाम 2000 रुपये प्रति बैरल से भी कम थे.गरीबों पर महंगे पेट्रोल-डीजल का सबसे ज्यादा असर
अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार का कहना है कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला टैक्स अप्रत्यक्ष होता है. अर्थशास्त्र में इन्हें रिगरेसिव टैक्स माना गया है. आमदनी के अनुपात में देखें तो गरीब के लिए यह टैक्स प्रतिशत अधिक होता है. इसे भी पढ़े : एसबीआई,">https://lagatar.in/15-banks-including-sbi-hdfc-on-the-path-of-blockchain-technology-msmes-will-get-benefit/92854/">एसबीआई,एचडीएफसी सहित 15 बैंक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की राह पर, एमएसएमई को मिलेगा फायदा
सरकार प्रत्यक्ष करों से वसूले टैक्स : प्रो. अरुण कुमार
प्रो. कुमार ने बताया कि ईंधन के महंगे होने से महंगाई बढ़ती है. ऐसे में कमाई का एक भाग इस पर खर्च होने से लोगों की डिस्पोजेबल इनकम घट रही है. प्रो. अरुण कुमार का कहना है कि सरकार को प्रत्यक्ष करों से टैक्स वसूलना चाहिए. केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर वसूलने वाले टैक्स में कमी करनी चाहिए. इसे भी पढ़े : राजधानी">https://lagatar.in/many-screws-in-the-running-of-rajdhani-express-through-lohardaga-the-matter-dragged-due-to-the-epidemic/92841/">राजधानीएक्सप्रेस का लोहरदगा से होकर चलने में कई पेंच, महामारी के कारण खिंचा मामला [wpse_comments_template]

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