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क्रोध के समय क्षमा करना सबसे बड़ा पुरुषार्थ : पं. नयनजी शास्त्री

उत्तम क्षमा पर्व के साथ जैन समाज का दशलक्षण सह पर्यूषण महापर्व शुरू Hazaribagh : उत्तम क्षमा पर्व के साथ जैन समाज का दशलक्षण सह पर्यूषण महापर्व मंगलवार से शुरू हो गया. पहला दिन उत्तम क्षमा पर्व के रूप में मनाया गया. बड़ा बाजार जैन धर्मशाला में संध्या महाआरती, णमोकार महामंत्र का जाप व बाहर से आए विद्वान पंडित नयन जी शास्त्री सांगानेर ने उत्तम क्षमा धर्म पर प्रवचन दिया. सुबह व संध्या दोनों जैन मंदिरों बॉडम बाजार और बड़ा बाजार में ग्रंथ वाचन हुआ. रात्रि में संध्या 8:00 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके साथ ही दस दिनों तक जैन मंदिरों में अध्यात्म की खुशबू बिखरेगी. जैन समाज के मीडिया प्रभारी विजय जैन लुहाड़िया ने बताया कि इससे पहले अहले सुबह श्रीजी का सामूहिक अभिषेक, शांतिधारा और नित्य पूजन विधान शुरू किया गया. जैन महिला समाज की मंत्राणी सुशीला सेठी ने सभी महिलाओं के साथ पूजा-पाठ कीं. इसे भी पढ़ें :राज्यसभा">https://lagatar.in/modi-said-in-rajya-sabha-new-parliament-building-is-a-symbol-of-new-beginning/">राज्यसभा

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“क्षमा धर्म सबसे प्यारा है”

प्रवचन में पंडित नयन जी शास्त्री सांगानेर ने कहा कि क्रोध के समय क्षमा करना सबसे बड़ा पुरुषार्थ है. क्षमा धर्म सबसे प्यारा है. क्रोध विकारी भाव है. इससे पाप का जन्म होता है. मुनिराजों का कहना है कि क्षमा मनुष्य का सर्वोत्तम गहना है. क्रोध होने पर शांत रहना चाहिए. तप, त्याग और आराधना का पावन पर्व पयूर्षण महापर्व है. इसे भी पढ़ें :धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-koylanchal-echoed-with-the-praise-of-ganpati-bappa-morya-people-gathered-to-have-darshan-of-siddhivinayak/">धनबाद

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