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हुसैनाबाद इलाके में शब-ए-बारात शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न
Hussainabad, Palamu: हुसैनाबाद नगर पंचायत के इमामबाड़ा परिसर में शब-ए-बारात शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया. मौके पर कांग्रेस प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा महासचिव सैयद हसनैन जैदी ने कहा कि शब ए बारात को इबादत और मगफिरत वाला पर्व कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भी दुआ इस दिन मांगी जाती है वह कुबूल होती है. साथ ही गुनाहों की माफी भी इस रात को कुबूल होती है. इसी वजह से इसे बरकत और मगफिरत वाली रात भी कहा जाता है. शब ए बारात का हिंदी में मतलब समझे तो शब का अर्थ रात और बारात का मतलब बरी होना होता है. इस रात सभी काम को छोड़ मुस्लिम समाज के लोग इबादत करते हैं. घरों को सजाते हैं. मस्जिद में विशेष नमाज अदा करने जाते है. साथ ही अपने पूर्वजो की कब्र पर रोशनी (मोमबत्ती, अगरबत्ती, फूल की चादर) चढ़ा कर अपने पूर्वजों की मगफिरत की दुआ अल्लाह ताला से मांगते है. ऐसी परंपरा है कि शब ए बारात की रात इबादत करने के बाद पूर्वजों की कब्र पर जाना जरूरी होता है. यही वजह है कि शब ए बारात कि रात मस्जिद के साथ साथ जपला दाता नगर सुविदार विघा पिपरवार उपरी कला फातमा चक वेनिकाला सहित विभिन्न कब्रिस्तान पर भी लाइट और अन्य व्यवस्था की गयी.
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पूर्वजों की कब्र पर जाना जरूरी : सैयद हसनैन जैदी
सैयद हसनैन जैदी ने कहा कि शब ए बारात की रात जितनी भी इबादत कीजिये वह कम है. कुरआन की तिलावत से लेकर तसबी और नफिल नमाज अदा की जाती है. एशा की नमाज के बाद ही मुस्लिम समाज के लोग अपने घर से निकल कर मस्जिद जाते है. रात नौ बजे से नफिल नमाज पढ़ने का सिलसिला शुरू होता है जो सुबह तक जारी रहता है. बताया जाता है कि नफिल नमाज कमसे कम 20 रकाअत अदा किया गया. मौके पर सैयद मुश्बी राजा मिस्टर जैदी समाजसेवी साकिर अलि फरीद खान अरशद हुसैन ताज राइन सुल्तान राइन रूस्तम राइन बासपा नेता जुल्फिकार अली मोहम्मद शमीम अख्तर नाजिर अहमद साहिर कुमार कलाम सिद्दकी नूरी खातून सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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