– आरोप लगाने वाली वेंटिलेटर टेक्नीशियन प्रिया की सेहत सामान्य
– ओटी टेक्नीशियन आशीष मीडिया से उलझा
Ranchi: रिम्स में इन दिनों कोरोना ड्यूटी कर रहे हैं डॉक्टर, स्टाफ और पारा मेडिकल कर्मियों को तीन वक्त का भोजन दिया जा रहा है. यह खाना रिम्स के पेइंग वार्ड स्थित कैंटीन से रिम्स प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. मंगलवार को वेंटिलेटर टेक्नीशियन प्रिया रिम्स के किचन से खाना लेकर कॉटेज नंबर छह में गई. खाना खोलने के बाद दाल में मेरी हुई छिपकली देखा उसने तत्काल कैंटीन के प्रबंधक को सूचना दी. मामला तूल पकड़ा और चिकित्सा अधीक्षक ने 5 सदस्य जांच टीम का गठन कर दिया.
जांच कमेटी की सदस्य और ए श्रेणी की परिचारिका रामरेखा राय और सदस्य रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सह सचिव डॉ अनितेश गुप्ता
डॉ शालिनी सुंदरम को बनाया गया जांच कमिटी का अध्यक्ष
मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया है. कमिटी को यह आदेश किया गया है कि रिम्स कैंटीन का भौतिक निरीक्षण कर वहां व्याप्त खामियों पर अपना जांच प्रतिवेदन 24 घंटे के अंदर सौंपे. किचन मॉनिटरिंग कमिटी में पीएसएम विभाग की प्राध्यापक डॉ शालिनी सुंदरम को अध्यक्ष बनाया गया है. जबकि चार सदस्य इसमें शामिल है. इनमें जीव रसायन विभाग के सह-प्राध्यापक डॉ अनूपा प्रसाद, जीव रसायन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अमित चैतन्य, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव डॉ अनितेश और ए ग्रेड नर्स रामरेखा राय को शामिल किया गया है.
दाल में छिपकली मिलने का आरोप लगाने वाली प्रिया को नहीं हुई कोई परेशानी
जांच कमेटी की सदस्य रामरेखा राय ने कहा कि मंगलवार को रिम्स कैंटीन से दिए गए खाने में छिपकली मिलने की जानकारी हुई. जिसके बाद मैंने खुद सभी लोगों से पूछताछ किया. लेकिन किसी को कोई दिक्कत नहीं हुआ.जिसने खाने में छिपकली मिलने की शिकायत की थी. रिम्स इमरजेंसी में उसकी जांच कराई गई थी. लेकिन उसे भी कोई दिक्कत नहीं हुआ. पिछले 1 साल से रिम्स पेइंग वार्ड के कैंटीन से लोगों को खाना दिया जा रहा है. लेकिन किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई है. पिछले साल कैंटीन के कई कर्मचारी भी कोरोना संक्रमित हुए बावजूद इसके कैंटीन संचालक ने बाहर से कर्मचारियों को बुलाकर डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल के स्टाफ को खाना खिलाने का काम किया.
किचन का किया निरीक्षण, व्यवस्था ठीक
वहीं जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव और जांच कमिटी के सदस्य डॉ अनितेश गुप्ता ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से कोविड ड्यूटी के दौरान मैं इसी कैंटीन से खाना खा रहा हूं. किसी को भी कोई समस्या नहीं हुई है. जहां तक खाने में छिपकली मिलने की बात है तो यह तस्वीर देखकर साफ तौर से प्रतीत होता है कि खाना बनाने के दौरान दाल में छिपकली नहीं गिरी है. रिम्स कैंटीन पर आरोप लगाना सरासर गलत है. बतौर जांच कमेटी का सदस्य मैंने किचन का निरीक्षण किया है और यहां की व्यवस्था ठीक है.