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वकीलों के बीच वाकया चर्चा का विषय बना हुआ है
लेकिन झारखंड में एक बेहद दिलचस्प मामला सामने आया है. दअरसल झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता और झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजित कुमार ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता योगेंद्र साव की जामनत याचिका पर योगेंद्र साव के बचाव में बहस कर दी है. जिसके बाद से झारखण्ड हाईकोर्ट के वकीलों और समेत राज्य भर के वकीलों में यह वाकया चर्चा का विषय बना हुआ है. योगेंद्र साव बड़कागांव थाना से जुड़े कांड संख्या 228/16 के आरोपी हैं. रघुवर सरकार में महाधिवक्ता रहते हुए अजित कुमार ने इसी केस में योगेंद्र साव को जमानत दिए जाने का भारी विरोध किया था. लेकिन अब पूर्व महाधिवक्ता और राज्य के वरीय अधिवक्ता अजित कुमार योगेंद्र साव को जामनत दिये जाने की गुहार न्यायालय से लगा रहे हैं. इसे भी पढ़ें -मानगो">https://lagatar.in/dirty-water-was-flowing-at-the-entrance-of-mango-akash-tower-cleaning-work-started/">मानगोआकाश टावर के प्रवेश द्वार पर बह रहा था गंदा पानी, सफाई का काम शुरू
महाधिवक्ता रहते हुए हजारों केस में कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुआ हूं -अजीत कुमार
इस पूरे मामले पर पूर्व एजी अजीत कुमार ने Lagatar.in">https://lagatar.in/">Lagatar.inको बताया कि मैं महाधिवक्ता रहते हुए हजारों केस में कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुआ हूं, इसलिए मेरे ध्यान में यह नहीं रहा होगा कि इस मामले में मैने पूर्व में विरोध किया है या नहीं. फिलहाल योगेंद्र साव से जुड़े मामले में मैरिट पर सुनवाई नहीं हुई है. ऐसा लग रहा है कि कुछ लोगों को परेशानी हो रही है. जिन्हे परेशानी हो रही है वे सुनवाई के दौरान कोर्ट में आपत्ति जता सकते थे. और मुझे आगाह कर सकते थे. अब Lagatar.in के माध्यम से मेरे संज्ञान में यह बात आयी है और अब मैं यह नहीं चाहूंगा कि भविष्य में इस केस में बचाव पक्ष की और मैं कोर्ट में उपस्थित रहूं. इसे भी पढ़ें -छठ">https://lagatar.in/chhath-mahaparv-begins-with-a-bath/">छठ
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प्रोफेशनल ऐथिक्स को ध्यान में रखते हुए कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं होना चाहिए- काउंसिल
इस मामले पर स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्ण ने">https://lagatar.in/">Lagatar.in को बताया कि आपने जो बाते संज्ञान में लायी है उसे जुड़ी हुई विधिवत शिकायत मिलने पर काउंसिल न्यायोचित कार्रवाई करेगा. एक बार अगर कोई अधिवक्ता किसी भी पक्षकार का विरोध कर चुके है तो उन्हें प्रोफेशनल ऐथिक्स को ध्यान में रखते हुए दुबारा उसी पक्षकार के बचाव में न्यायलय के समक्ष उपस्थित नहीं होना चाहिए. इसे भी पढ़ें -फ्रांस">https://lagatar.in/report-of-mediapart-of-france-65-crore-bribe-in-rafale-deal-cbi-and-ed-were-also-aware/">फ्रांस
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