Ranchi: बिहार क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान केवीपी राव ने बीसीसीआई पर नौकरी से हटाने का आरोप लगाया है. राव का कहना है की बीसीसीआई का नियम है कि किसी को भी नौकरी से हटाने के 3 महीने पहले उसे नोटिस दी जाती है और 3 महीने का वेतन देकर हटाया जाता है. लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ. बिना किसी कारण, बिना किसी नोटिस के मुझे असिस्टेंट जनरल मैनेजर पद की नौकरी से हटा दिया गया.
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राव ने कहा, कई बार मैंने ईमेल भी किया तो मुझे उस मेल का कोई जवाब नहीं आया. हालांकि बाद में मुझे मेरे पैसे मिल गए. लेकिन मुझे ऐसे जबरन हटाना सही नहीं है. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय साह और संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज पर भी राव ने आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, मुझे बिना नोटिस का हटा दिया गया. राव ने ट्रेजर अरुण धूमल पर धमकाने का आरोप लगाया. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राव ने कहा कि मुझे हटाने से संबंधित मामले को लेकर मैंने कोर्ट में केस किया है और कोर्ट के डिसीजन का इंतजार कर रहा हूं.
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जब लगातार संवाददाता रजनीश प्रसाद ने राव से प्रश्न किया कि हटाने से संबंधित जो लेटर बीबीसीआ की ओर से जारी किया गया है, उस लेटर में आपको हटाने का क्या कारण लिखा हुआ है. उनका जवाब था कि लेटर में कोई भी कारण नहीं लिखा हुआ है. बिना कारण मुझे हटा दिया गया.
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