पीएम मोदी की समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने वाले पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को लेकर घमासान जारी है
NewDelhi : पीएम मोदी की समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने वाले पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को लेकर घमासान जारी है. खबर है कि वर्तमान में सीएम ममता के मुख्य सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय के जवाब पर केंद्र सरकार जल्द ही अगला कदम उठा सकती है. सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय का कल रात जवाब मिला है. उसका अवलोकन किया जा रहा है. इस मामले में जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि सरकार आगे की कार्रवाई पर विचार कर रही है.
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अलापन बंदोपाध्याय के जवाब की जांच की जा रही है
समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है कि केंद्र को पिछले माह प्रधानमंत्री मोदी की बैठक से अलापन के गायब रहने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत उन्हें दिये गये कारण बताओ नोटिस पर केंद्र को अलापन बंदोपाध्याय का जवाब मिला है और इसकी जांच की जा रही है. आगे की कार्रवाई जल्द ही तय की जायेगी.
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समीक्षा बैठक से अनुपस्थिति को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था
कहा गया है कि अलापन बद्योपाध्याय ने गुरुवार को केंद्र सरकार के नोटिस का जवाब दे दिया. कहा है कि वह ममता बनर्जी के कहने पर चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा करने गये थे. बता दें कि उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी नोटिस में 28 मई को प्रधानमंत्री मोदी के साथ चक्रवात संबंधी समीक्षा बैठक से उनकी अनुपस्थिति को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था. खबर है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इस मामले में अपना जवाब केंद्रीय गृह मंत्रालय को आखिरी दिन गुरुवार को भेज दिया.
सूत्रों ने बताया कि बंद्योपाध्याय का स्थान लेने वाले मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने जवाब भेजा है. हालांकि जवाब में क्या लिखा है, इस बारे में जानकारी नहीं मिली है. सूत्रों के अनुसार बंदोपाध्याय ने अपने जवाब में कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर वह चक्रवात यास से बुरी तरह प्रभावित दीघा का जायजा लेने की वजह से उस बैठक में शामिल नहीं हुए. बता दें कि दीघा पूर्व मेदिनीपुर जिले का एक लोकप्रिय समुद्री रिसॉर्ट शहर है.
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दो साल तक की कैद हो सकती है
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 31 मई को आपदा प्रबंधन कानून के सख्त प्रावधान के तहत बंद्योपाध्याय को कारण बताओ नोटिस दिया था. इस प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को दो साल तक की कैद हो सकती है. केंद्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच खींचतान के मध्य यह नोटिस जारी किया गया था. पश्चिम बंगाल कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंद्योपाध्याय 31 मई को मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त होने वाले थे. लेकिन कोविड महामारी के दौरान उनकी अहम भूमिका को लेकर राज्य ने हाल ही में उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति मांगी थी और यह अनुमति मिल गयी थी.
लेकिन प्रधानमंत्री की चक्रवात समीक्षा बैठक में उनके और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने के बाद विवाद शुरू हो गया था और केंद्र ने बंदोपाध्याय के स्थानांतरण का निर्देश दिया था। इस बीच बंदोपाध्याय ने मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया.