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पूर्व सीजेआई ने कहा, अदालतें आम आदमी की पहुंच से बाहर, ताकतवर लोग जजों की छवि खराब करने में जुटे

NewDelhi :  पूर्व CJI रंजन गोगोई ने भारतीय न्यायव्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए इसे खस्ताहाल करार दिया है.  जस्टिस रंजन गोगोई ने यहां तक कहा है कि अब कोई भी कोर्ट नहीं जाना चाहता, वह भी नहीं. उन्होंने कहा कि जो लोग जोखिम उठा सकते हैं वही अदालत का रुख करते हैं. श्री  गोगोई एक न्यूज चैनल में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत की न्याय प्रणाली इस कदर जर्जर हो चुकी है कि लोग अदालत जाकर पछताने लगते हैं.  कहा कि अब अदालतें आम आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गयी हैं और सिर्फ धनी और कॉर्पोरेट वर्ल्ड के लोग ही कोर्ट का रुख करना चाहते हैं. इसे भी पढ़ें : ग्रेटा">https://lagatar.in/special-cell-arrested-bengalurus-disha-ravi-in-greta-thunberg-toolkit-case/27128/">ग्रेटा

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ताकतवर लोग जजों  की छवि खराब करने में जुटे

राज्यसभा सांसद ने चिंता व्यक्त की और कहा कि आज ताकतवर और चीखने-चिल्लाने वाले लोग जजों समेत अन्य दूसरे लोगों की छवि खराब करने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ जज इनका निशाना बनने के बाद टूट जाते हैं.  उन्होंने किसान आंदोलन और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी आंदोलन पर सवालों के जवाब में कहा कि कुछ राजनीतिक कानूनी समाधान करने होंगे और अदालतों को भी इन मुद्दों को देखना होगा. जान लें कि श्री गोगोई नवंबर 2019 में सीजेआई के पद से रिटायर हुए थे. इसके बाद सरकार ने मार्च 2020 में रंजन गोगोई को राज्यसभा में मनोनीत कर दिया.  पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने  भारतीय न्याय व्यवस्था में बड़े बदलावों की बात भी कही. कहा कि आप 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था चाहते हैं लेकिन आपकी न्याय व्यवस्था जर्जर हालत में है. इसे भी पढ़ें : आंध्र">https://lagatar.in/13-killed-four-injured-in-road-accident-bus-and-truck-collision-in-andhra-pradesh/27106/">आंध्र

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न्यायाधीश के काम के लिए घंटे तय नहीं होते

उन्होंने कहा, `सही काम के लिए उचित व्यक्ति को नियुक्त करना है.  आप जजों की नियुक्ति वैसे नहीं कर सकते जैसे सरकार में अफसरों की होती है. कहा कि न्यायाधीश बनना एक पूर्णकालिक प्रतिबद्धता है. यह एक जुनून है. एक न्यायाधीश के काम के लिए कोई तय घंटे नहीं होते.यह 24 घंटे का काम है. आप रात 2 बजे नींद से उठते हैं, कोई बिंदु याद आता है और उसे लिखकर रखते हैं. एक जज ऐसे काम करता है. कितने लोग ये समझते हैं?

सिर्फ राज्यसभा सीट ही क्यों लेता, मैं कुछ बड़ा मांग लेता

इस क्रम में रंजन गोगोई ने अयोध्या और राफेल को लेकर दिये गये फैसलों के एवज में राज्यसभा सदस्यता मिलने के आरोपों को भी खारिज कर दिया. उन्होंने तंज किया कि अगर वाकई कोई सौदा करता तो क्या सिर्फ राज्यसभा सीट से संतुष्ट होता. उन्होंने इस मुद्दे को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि अगर मैंने भाजपा के पक्ष में फैसला सुनाने के लिए सौदा किया होता तो सिर्फ राज्यसभा सीट ही क्यों लेता, मैं कुछ बड़ा मांग लेता इसे भी पढ़ें :  भारत">https://lagatar.in/after-india-japans-fukushima-province-also-shook-after-earthquake-more-than-100-people-injured/27113/">भारत

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 कोर्ट जायेंगे तो तोहमतों पर आपकी कोर्ट में भी खिंचाई होगी

पूछे जाने पर कि जो लोग उनको बार-बार निशाना बना रहे हैं और तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं, क्या वो उनके खिलाफ मुकदमा दायर करेंगे? जस्टिस गोगोई ने कहा,  अगर आप कोर्ट जायेंगे तो यही होगा कि इन तोहमतों पर आपकी कोर्ट में भी खिंचाई होगी, न कि न्याय मिलेगा. कहा कि मुझे ऐसा कहने में कोई हिचक नहीं है. कोर्ट कौन जाता है. अगर आप अदालत गये तो पछतायेंगे. आप कॉर्पोरेट वर्ल्ड से हैं तो एक मौका तलाशने कोर्ट जाते हैं. अगर जीत गये तो करोड़ों रुपये के वारे न्यारे हो जायेंगे.

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