Search

पूर्व डीजीपी एमवी राव ने कहा, अब करूंगा खेती, ले सकते हैं वीआरएस

Ranchi : राज्य के पूर्व डीजीपी और 1987 बैच के आईपीएस एमवी राव जल्द ही वीआरएस ले सकते है. डीजी एमवी राव मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि वह वीआरएस लेने पर विचार कर रहे हैं. वीआरएस लेने के बाद उनकी योजना खेती करने की है. इससे पहले नवनियुक्त डीजीपी नीरज सिन्हा को पदभार देने के बाद भी उन्होंने पुलिस मुख्यालय में सीनियर अफसरों से कहा था कि अब हैदराबाद या दिल्ली में आप सबसे मुलाकात होगी. इससे यह समझा जा सकता है कि वह सेवा से मुक्त होना चाहते हैं.

1987 बैच के आईपीएस हैं एमवी राव

एमवी राव 1987 बैच के आईपीएस हैं. कड़े तेवर व कड़े फैसले के लिए मशहूर हैं. वह आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. झारखंड में करीब 11 माह तक उन्होंने डीजीपी का पद संभाला. इस दौरान अपराध और उग्रवादी घटनाओं में कमी पाने में पुलिस सफल रही. एमवी राव रांची में एसएसपी के पद पर काम कर चुके हैं. रघुवर सरकार में उन्हें सीआईडी का एडीजी बनाया गया था. तब बतोकिया कांड की जांच में तेजी लाने की वजह से उन्हें सरकार का कोपभाजन झेलना पड़ा था. इसे भी पढ़ें : देवघर:">https://lagatar.in/deoghar-deputy-commissioner-started-campaign-to-make-deoghar-as-tambakumukta/26751/">देवघर:

उपायुक्त ने देवघर को तंबाकूमुक्त बनाने का चलाया अभियान

16 मार्च 2020 को बने थे झारखंड के डीजीपी

राज्य सरकार ने 16 मार्च 2020 को झारखंड डीजीपी के पद पर पदस्थापित कमल नयन चौबे का ट्रांसफर कर दिया था. झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे को विशेष कार्य पदाधिकारी पुलिस आधुनिकीकरण कैंप नयी दिल्ली के पद पर पदस्थापित किया गया था. उनकी जगह डीजी होम गार्ड और अग्निशमन एमवी राव को झारखंड का डीजीपी बनाया गया था.

राव तेज-तर्रार आइपीएस माने जाते हैं

एमवी राव झारखंड कैडर के आइपीएस हैं. राव तेज-तर्रार आइपीएस माने जाते हैं. लंबे समय तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफ में रहने के बाद वर्ष 2017 में वह झारखंड लौटे थे. तब सरकार ने उनका तबादला सीआइडी में एडीजी के पद पर किया था. जिस वक्त उन्हें सीआइडी में पदस्थापित किया गया, उस वक्त सीआइडी में कई बड़े मामले जांच के लिए लंबित थे. उन्होंने सभी मामलों की जांच में तेजी लायी. जिसमें बकोरिया कांड भी शामिल था. बकोरिया कांड में तेजी लाने की वजह से वह विभाग के ही सीनियर अफसरों के निशाने पर आ गये. खास कर डीजीपी डीके पांडेय के निशाने पर. एमवी राव ने सरकार के समक्ष पूरे मामले की जानकारी रखी. लेकिन सरकार ने उनका तबादला दिल्ली कर दिया. जिसके बाद श्री राव ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, गृह सचिव समेत अन्य कई महत्वपूर्ण लोगों को एक पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने पूरे मामले की जानकारी दी. साथ ही बताया कि कैसे डीजीपी डीके पांडेय ने उन्हें बकोरिया कांड की जांच को धीमा करने के लिए कहा था. राज्य के तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय ने एमवी राव से यह भी कहा था कि न्यायालय के किसी आदेश से चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन श्री राव ने डीजीपी के इस मौखिक निर्देश का विरोध करते हुए जांच की गति सुस्त करने, साक्ष्यों को मिटाने और फर्जी साक्ष्य बनाने से इनकार कर दिया था. उनके तबादले के बाद सीआइडी ने बकोरिया कांड में फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दायर की. जिसके बाद हाइकोर्ट ने मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. इसे भी पढ़ें : सीएम">https://lagatar.in/representative-of-jharkhand-administrative-service-association-met-cm-indent-submitted/26728/">सीएम

से मिले झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारी, मांगपत्र सौंपा

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp