Lucknow : झारखंड के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी नहीं रहे. खबर है कि आज शनिवार, 20 अगस्त को लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में सिब्ते रजी ने अंतिम सांस ली.कांग्रेस के नेता व झारखंड तथा असम के राज्यपाल रहे सैयद सिब्ते रजी को पिछले दिनों मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था. उनके परिवार के लोगों फोन पर उनके निधन की जानकारी दी. बता दें कि कांग्रेसी नेता सिब्ते रज़ी को गांधी परिवार का विश्वसनीय माना जाता था.
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लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकाम किया था.
सैयद सिब्ते रजी ने रायबरेली के हुसेनाबाद हायर सेकेंडरी स्कूल से दसवीं करने के बाद शिया कालेज में पढ़ाई की. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकाम किया था. बताया जाता है कि सिब्ते रजी छात्र राजनीति में शामिल हुए. जानकारी सामने आयी है कि पढाई के साथ जेब खर्च निकालने के सैयद सिब्ते रजी कई होटलों का अकाउंट का काम भी देखते थे.
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सिब्ते रजी 1969 में उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस में शामिल हुए
सैयद सिब्ते रजी 1969 में उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस में शामिल हुए. 1971 में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने. दो वर्ष तक यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे. इसके बाद 1980 से 1985 तक राज्य सभा सदस्य रहे. वह 1980 से 1984 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे. वे कांग्रेस से दूसरी बार 1988 से 1992 तक तथा तीसरी बार 1992 से 1998 तक राज्य सभा के सदस्य रहे.
तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने हस्तक्षेप किया
बताया जाता है कि झारखंड के राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान मार्च 2005 में उन्होंने सरकार में एनडीए के सदस्यों की संख्या की अनदेखी कर झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया. इस संबंध में शिकायत मिली, तो तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने हस्तक्षेप किया. राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी के निर्णय को बदला गया. इस घटनाक्रम के बाद राज्यपाल सैयद सिब्जे रजी ने एनडीए के अर्जुन मुंडा को 13 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.