सत्तासीन दल की नीतियां और आपराधिक लापरवाही कोरोना मौतों के सबसे खराब विस्फोट का कारण बने हैं
NewDelhi : पंजाब यूनिवर्सिटी में पूर्व डीन और जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर 74 वर्षीय चमनलाल ने अब तक कोरोना वैक्सीन नहीं ली है, लेना भी नहीं चाहते. चमनलाल ने पंजाब के CM को पत्र लिखकर वैक्सीन नहीं लेने का कारण बताया है.
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि लगभग 74 वर्ष की आयु में मुझे Covid-19 के लिए टीकाकरण की आवश्यकता है. क्योंकि यह चिकित्सकीय रूप से उचित है. लेकिन मुझे व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से कुछ आपत्ति है. यह पंजाब (भारत) के नागरिक के रूप में और एक विश्व नागरिक के रूप में है. मैंने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है और मैं अभी भी अनिच्छुक हूं.
हालांकि चमनलाल ने लिखा कि मुझे उम्मीद है कि टीकाकरण से हजारों लोगों का जीवन बचाने पर ध्यान दिया जायेगा. लेकिन इसे न लेने की मेरी पहली बड़ी वजह टीकाकरण के साथ जारी वह प्रमाण पत्र है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर जबरन और अनिवार्य रूप से लगायी गयी है.
किसी अन्य देश में टीकाकरण प्रमाण पत्र पर नेता की तस्वीर नहीं है
कहा कि दुनिया के किसी भी अन्य देश में टीकाकरण प्रमाण पत्र पर किसी भी राजनीतिक नेता की तस्वीर नहीं है. यह एक राष्ट्रीय अभियान है, जिसमें संबंधित क्षेत्र के स्वास्थ्य या चिकित्सा अधिकारी के हस्ताक्षर और मुहर होने चाहिए. आरोप लगाया कि भारत में हम असहाय नागरिकों को सत्तासीन नेता की फोटो के साथ प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. इसकी मैं निंदा करता हूं.
कहा कि सत्तासीन दल की नीतियां और आपराधिक लापरवाही कोरोना मौतों के सबसे खराब विस्फोट का कारण बना है. खासकर कोविड-19 की दूसरी लहर में ऐसा साफ देखा गया है.
जब से पीएम मोदी सत्ता में आये हैं, अपना बखान करते नहीं थक रहे हैं
प्रो चमनलाल ने कहा कि जब से पीएम मोदी सत्ता में आये हैं, अपना बखान करते नहीं थक रहे हैं. उन्होंने पत्र में पंजाब सरकार से अनुरोध किया है कि वो प्रदेश में दिये जा रहे टीकाकरण प्रमाण पत्र से पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटायें. अगर ऐसा जरूरी है तो कोरोना से हो रही मौतों के लिए जारी हो रहे मृत्यु प्रमाण पत्र में भी उनकी तस्वीर लगाई जाये.