Pankaj chaturvedi
मध्य प्रदेश में हज़ारों सरकारी नौकरी में घूसखोरी के लिए बदनाम व्यापम घोटाले में लंबे समय तक जेल में रहे. मध्य प्रदेश के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की भी मौत हो गयी. अभी तक व्यापम घोटाले से जुड़े 50 लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. शर्मा की मौत उसी चिरायु अस्पताल में हुई, जिसके संचालक डॉक्टर अजय गोयनका का नाम भी व्यापम घोटाले में मेडिकल कॉलेज एडमिशन में आया था.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई को 9 जुलाई 2015 को सौंपी गई थी. सीबीआई ने कुल 185 प्रकरणों की जांच की. जिनमें 24 संदिग्ध मौत के मामलों में 15 पीई दर्ज की गई थी. इन सभी मामलों को हत्या मानकर जांच की गई थी. लेकिन इस जांच में बहुत कुछ निकल कर सामने नहीं आया.
लक्ष्मीकांत शर्मा चार बार के विधायक थे. साल 2018 के चुनाव में ही उनके भाई उमेश शर्मा को सिरोंज से टिकट दिया गया और वे जीते. साल 2013 में जब वो चुनाव जीते, उसी के बाद व्यापम घोटाले में उनकी गिरफ्तारी हुई. जेल में वह आत्म कथा लिख रहे थे और एक बार उन्होंने पत्रकारों को था कि उन्हें जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है. ताकि व्यापम का सच किसी के सामने ना आये.
मध्य प्रदेश में भूचाल लाने वाले हनी ट्रैप कांड में भी लक्ष्मीकांत शर्मा की एक सीडी आई थी. जिसमें वह आला अफसरों और नेताओं के पास लड़कियां भेजने वाली श्वेता जैन के साथ संवाद में शिवराज सिंह चौहान और प्रधान मंत्री के लिए अपशब्द कह रहे थे.
यह मामला बस इतना नहीं हैं. श्वेता स्वप्निल जैन भोपाल के रिवेरा टाउन स्थित लक्ष्मीकांत शर्मा के मकान के बगल में जिस घर में किराए से रहती थी, उसका मालिक मौजूदा शिवराज सरकार में खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह हैं और उन्होंने यह मकान एक अन्य मंत्री विश्वास सारंग की सिफारिश पर दिया था.
मामला व्यापम से शुरू होता है. जिसमें प्रदेश का सबसे ताक़तवर ब्राह्मण बीजेपी नेता फंसता है. वह जेल से आता है तो हनी ट्रैप में सीडी आती है और उसके लिंक वर्तमान सरकार के दो मंत्री तक जाते हैं.
फिर याद करें. इसी पेन ड्राईव या सीडी का खुलासा करने की बचकाना धमकी एक हफ्ता पहले पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश में असली “कमलनाथ” ने दी थी.
जब हनी ट्रैप ने लक्ष्मी कांत शर्मा का नाम आ रहा था. तभी प्रदेश में एक अनजान से ब्राह्मण नेता वीडी शर्मा को खजुराहो से टिकट दे दिया और प्रदेश प्रमुख भी बना दिया.
फिलहाल भोपाल के एक चिरायु अस्पताल में लक्ष्मीकांत शर्मा का निधन हुआ. उन्हें 11 मई को कोरोना हुआ था. डॉक्टरों ने बताया कि लक्ष्मीकांत शर्मा को बाईलेटरर सीवियर कोविड निमोनिया हुआ था. वह डेढ़ दिन से वेंटिलेटर पर थे. गौरतलब है कि व्यापम कांड के बाद चिरायु अस्पताल को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता कोष एवं अन्य मदों से मरीजों के इलाज के लिए भारी राशि आवंटित की गयी है. कोरोना काल में सर्वाधिक राशि चिरायु को ही जारी की गयी है. विगत वर्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं कोरोना से पीड़ित होकर अपना इलाज चिरायु में करवा चुके हैं. विश्वास सारंग जिनके कहने पर श्वेता जैन को खनिज मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह का मकान दिया गया. वे इस समय चिकित्सा मंत्री हैं.