Jamshedpur : राज्यपाल रमेश बैस से गुरुवार को पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की. उन्होंने राज्यपास से कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की दोषपूर्ण नियुक्ति नियमावली में संशोधन कराएं. हिन्दी, भोजपुरी, मगही, अंगिका आदि को चयनित क्षेत्रीय/जनजातीय भाषा श्रेणी में शामिल किया जाए. नई नियमवाली के अनुसार यहां के स्थानीय अभ्यर्थी अगर झारखंड के बाहर से मैट्रिक या इंटरमीडिएट करते हैं तो परीक्षा में बैठने की पात्रता खो देते हैं. इसी तरह अगर कोई झारखंड के बाहर का व्यक्ति झारखंड में मैट्रिक या इंटरमीडिएट कर लेता है तो झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में बैठने की पूरी पात्रता रखता है. इसलिए इसमें परिवर्तन करते हुए यहां के युवाओं को समानता का अवसर प्रदान किया जाए.
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साथ ही झारखंड सरकार को निर्देश दिया जाए कि झारखंड के मूलवासियों के समुचित विकास की भावना के साथ स्थानीय नीति को लागू करे. ओड़िया भाषा से हो रहे सौतेले व्यवहार पर संज्ञान लें. कोल्हान विश्वविद्यालय पीजी डिपार्टमेंट सह सभी कॉलेजों में स्वीकृत पदों पर ओड़िया अध्यापकों की पदस्थापना, सभी इंटरमीडिएट कॉलेज और 10 प्लस टू हाई स्कूल में एक-एक ओडिया अध्यापकों की नियुक्ति, चालू सत्र के अंदर प्रथम से दसवीं श्रेणी तक ओडया माध्यमों के पाठ्यपुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना, द्वितीय राजभाषा घोषित होने के बावजूद अब तक ओडिया अकादमी की स्थापना नहीं होना प्रमुख है. महामहिम ने आश्वस्त किया कि वे जल्द ही इस गंभीर विषय पर सरकार से संवाद करेंगे, जिसमें सभी वर्गों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा. प्रतिनिधिमंडल में जिला परिषद सदस्य सुदिप्तो डे राणा, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष विमल बैठा, पलामू के सामाजिक कार्यकर्ता सन्नी शुक्ला, देवानंद झा भी शामिल थे.
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