Ranchi : रांची के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान में चार शावकों की मौत हो गयी. बाघिन मां गौरी के करवट लेने से शवक उसके नीचे दब गये थे. जिससे उनकी मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार, बाघिन गौरी ने पहली बार 4 शावकों को जन्म दिया था. गौरी ने 10 मई की रात को एक और 11 मई को तीन शावकों को जन्म दिया था. जन्म के बाद ही बाघिन के करवट लेने से शावक उसके नीचे दब गये. रेस्पिरेटरी सिस्टम कोलेप्स होने से चारों की मौत हो गयी. पोस्टमार्टम के बाद चारों शावकों को जू के भीतर बने दाहगृह में जलाया गया. गौरी बाघिन अभी ठीक है. इस बात की जानकारी ओरमांझी जू के डॉक्टर ओम प्रकाश शाहू ने दी.
मॉनिटरिंग के बाद भी ऐसी घटना, प्रबंधन पर खड़ा करता है सवाल
बाघिन जिस केज में थी, जू प्रबंधन लगातार सीसीटीवी कैमरे से वहां की मॉनिटरिंग कर रहे थे. इसके बावजूद इस तरह की घटना हो जाना, प्रबंधन पर सवाल खड़ा करता है. जू प्रबंधन के अनुसार, सभी शावक मां के काफी करीब आ गये थे. जब मां ने करवट बदली तो सभी नवजात उसमें दब गये और दम घुटने से सभी की माैत हो गयी. प्रबंधन को जब इसकी जानकारी मिली तो कर्मी केज के अंदर गये और बाघिन को बच्चों से दूर किया. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. चारों शावकों ने दम तोड़ दिया था.
गौरी को 2018 में बिलासपुर से लाया गया था
बाघिन गौरी को 2018 में बिलासपुर से लाया गया था. बाघिन ने पहली बार चार शावकों को जन्म दिया था. सभी बच्चे समान्य व स्वस्थ्य थे. बाघ के बच्चों का आंख जन्म के 15वें दिन खुलता है. ऐसे में समान्य तौर पर मां ही बच्चों की देखरेख करती है और उसे दूध पिलाती है. लेकिन करवट लेने के दौरान बाघिन अपने बच्चों पर ही लेट गयी. जिसकी वजह से दम घुटने से सभी बच्चों की मौत हो गयी.
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