Ranchi : केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई चार श्रम संहिताओं का ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) ने कड़ा विरोध किया है. संगठन ने इन संहिताओं को मजदूर वर्ग के खिलाफ बताया है और आरोप लगाया है कि ये कानून मालिकों को मनमानी करने का खुला लाइसेंस देते हैं. ऐक्टू ने कहा कि यह स्थिति गांव की कहावत खाता न बही, जो मालिक कहे वो सही को साकार करती है.
ऐक्टू ने श्रम संहिताओं को मजदूरों के लिए काला कोड बताते हुए कहा कि यह मजदूरों को गुलाम बनाने वाला दस्तावेज है. संगठन के अनुसार, श्रम कानूनों में किए गए संशोधन पूरी तरह मालिकों के हित में हैं और यह मजदूर वर्ग के साथ विश्वासघात है.
इन श्रम संहिताओं के खिलाफ ऐक्टू, अन्य केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा के साथ 26 नवंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगा. ऐक्टू के प्रदेश सचिव भुवनेश्वर केवट ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए मजदूरों को बलि का बकरा बना रही है. उनका दावा है कि मजदूर और किसानों से टकराव किसी भी सरकार के लिए नुकसानदायक साबित होता है और अंततः सरकार को मजदूरों के पक्ष में संशोधन करने ही पड़ेंगे.
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