Simdega: पति के असमय निधन के बाद जब सिमडेगा की दासो देवी पर बच्चों की जिम्मेदारी आ पड़ी, तो हर दिन एक नई चुनौती बन गई थी. लेकिन हार मानना उनकी फितरत में नहीं था. साल 2017 में चंदा स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने अपनी किस्मत खुद लिखनी शुरू की. समूह से मिली सहयोग और आत्मविश्वास के बल पर दासो देवी ने ₹7.5 लाख की पूंजी जुटाई और नीलकंठ आइस एजेंसी की नींव रखी. धीरे-धीरे उन्होंने 10 डीप फ्रीजर और 15 वेंडरों के साथ एक मजबूत नेटवर्क खड़ा किया और विलिस ब्रांड की आइसक्रीम सप्लाई शुरू की. आज उनका सालाना टर्नओवर ₹16-17 लाख तक पहुंच चुका है. लेकिन दासो देवी यहीं नहीं रुकीं. अब वे खुद की आइसक्रीम उत्पादन इकाई स्थापित करने का सपना भी साकार करने में लगी हैं. संघर्षों को पीछे छोड़ते हुए आज दासो देवी लखपति दीदी के नाम से पूरे इलाके में मिसाल बन चुकी हैं. इसे भी पढ़ें- अमित">https://lagatar.in/amit-shah-told-cms-of-all-states-to-throw-out-pakistanis/">अमित
शाह ने सभी राज्यों के CM से कहा, पाकिस्तानियों को बाहर निकालें

संघर्ष से सफलता तक: सिमडेगा की दासो देवी बनीं लखपति दीदी
