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आउटसोर्स पर कार्यरत नर्स की मौत के बाद कर्मचारियों में रोष, कहा- कोरोना योद्धा को मुआवजा दे राज्य सरकार

Ranchi : झारखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच फ्रंट लाइन वर्कर अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की सेवा कर रहे हैं. लोगों की सेवा और इलाज करते हुए हैं अब तक रिम्स के 6 कर्मचारियों की मौत हो गयी. बावजूद इसके राज्य सरकार के द्वारा अब तक मुआवजा राशि की घोषणा नहीं की गई है. वहीं सोमवार की शाम रिम्स में कार्यरत आउटसोर्सिंग नर्स सुनीता केरकेट्टा की मौत हो गई.

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आउटसोर्सिंग पर बहाल हुई थी सुनीता केरकेट्टा

वही रिम्स की सिस्टर इंचार्ज रामरेखा राय ने कहा कि सुनीता को कोरोना काल के दौरान अक्टूबर 2020 में एडवांस बिजनेस कॉरपोरेट के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर बहाल किया गया था. सुनीता करीब 7 महीने तक रिम्स में काम कर चुकी थी. लोगों ने यह मांग किया है कि सुनीता के आश्रितों को राज्य सरकार उचित मुआवजा दें. साथ ही उनके आश्रितों को रोजगार देने पर भी विचार करें.

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अंतिम संस्कार के लिए आउटसोर्सिंग कंपनी ने दिए 20 हजार

एडवांस बिजनेस कॉरपोरेट के सुपरवाइजर आलोक कुमार ने कहा कि कंपनी के द्वारा तत्काल अंतिम संस्कार के लिए कंपनी के द्वारा 20 हजार मृतक के आश्रित को दिया गया है. वही आगे भी कंपनी मृतक के परिवार को आर्थिक सहयोग को लेकर विचार कर रही है.

संकट की घड़ी में फ्रंट लाइन वर्कर की मौत के बाद मुआवजा दे सरकार

वहीं राष्ट्रीय जनता दल के युवा प्रदेश अध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा कि इस विषम परिस्थिति में काम करने वाले कोरोना योद्धा का सम्मान राज्य सरकार को करना चाहिए. इस संकट की घड़ी में जिस तरीके से लोग सेवा कर रही हैं, वैसी घड़ी में फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर की मौत होती है तो सरकार उनके आश्रितों को उचित मुआवजा दें.

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के सात इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर का तबादला

मुआवजे की मांग को लेकर रिम्स निदेशक से मिलने गयी नर्सें

वही आउटसोर्सिंग नर्स सुनीता केरकेट्टा की मौत के बाद नर्सों ने रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद से मुलाकात करने पहुंचे है.

कोरोना काल में सेवा के दौरान इनकी हुई है मौत

2020 में नर्स पुन्यता कुजूर की मौत हुई है. जबकि 2021 रेजिडेंट डॉक्टर मोहम्मद सिराजुद्दीन, वार्ड अटेंडेंट सूरज, गार्ड महेंद्र करमाली, नर्स सुनीता केरकेट्टा और एक व्यक्ति की मौत हुई है.

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