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डीजीएमएस का भविष्य खतरे में नहीं : राजीव शेखर

Dhanbad: आईआईटी- आईएसएम के निदेशक राजीव शेखर ने कहा है कि जमीन से कोयला निकालने का काम अगले 20 -30 सालों तक होगा, इसके बाद मेटल माइनिंग का स्कोप है, इसलिए यह कहना सही नहीं है कि खान सुरक्षा महानिदेशालय यानी डीजीएमएस का भविष्य खतरे में है. श्री शेखर शुक्रवार को डीजीएमएस के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे .

धनबाद में माइन ऑटोमेशन सिस्टम का सेंटर बनेगा

उन्होंने कहा कि अभी तक हमलोग मिथेन और हाइड्रोजन गैस को कोयले से अलग करके देखते थे, लेकिन कोल गैसिफिकेशन तकनीकि का इस्तेमाल कर हमलोग सुरक्षित तरीके से कोयले के साथ - साथ हाइड्रोजन निकाल सकते हैं .आईएएसएम ने अभी द साव सिस्टम कंपनी से 200 करोड़ का सॉफ्टवेयर लिया है. यह कपंनी हार्डवेयर और ड्रोन भी देगी. इससे माइनिंग का काम आसान होगा. ओरिक एक कंपनी है, जो ब्लास्टिंग का सॉफ्टवेयर बनाती है, यह भी यह सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराएगी. धनबाद में एक सेंटर भी बनेगा, जो माइन ऑटोमेशन सिस्टम को नियंत्रित करेगा. आईएसएम इस कार्य में डीजीएमएस का पूरा सहयोग करेगा., ताकि आने वाले कल में माइनिंग का क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित हो सके.

 प्रतिष्ठान का हिस्सा होने पर गर्व : डीजीएमएस महानिदेशक 

खान सुरक्षा महानिदेशालय का 121 वां स्थापना दिवस समारोह डीजीएमएस ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया था . डीजीएमएस के महानिदेशक प्रभात कुमार, आईआईटी - आईएसएम के निदेशक डॉ राजीव शेखर, उप महानिदेशक (यांत्रिक) तथा निदेशक (परीक्षा) पीके कुंडू ने सं युक्त रूप से दीप  प्रज्वल्लन कर कार्यक्रम की शुरुआत की. डीजीएमएस के महानिदेशक ने डीजीएमएस संस्थान की 121 वीं  यात्रा और उपलब्धियों को विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि हमलोगों को अपने आप पर गर्व है कि हम इस प्रतिष्ठान का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि डीजीएमएस के आधुनिकीकरण का काम शुरू हो चुका है. आईएसएम से हमलोगों को पहले भी सहयोग मिलता रहा है. हमें पूरी उम्मीद है कि स्पीड और रोबोटिक माइनिंग के क्षेत्र में पूरा सहयोग मिलेगा. यह भी पढें : तिलकुट">https://lagatar.in/dhanbad-coronas-shadow-on-tilkut-market-there-is-variety-but-there-is-doubt-on-the-purchase/">तिलकुट

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