Kiriburu : सेल प्रबंधन और स्कूल बस संचालक के आपसी विवाद में सारंडा के छात्र-छात्राओं की पढा़ई और भविष्य अधर में लटका हुआ है. पिछले लगभग एक माह से स्कूल खुलने के बावजूद सारंडा के विभिन्न गांवों के छात्र-छात्राएं स्कूल बस नहीं चलने की वजह से पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. प्रोजेक्ट प्लस-टू उच्च विद्यालय किरीबुरु में सरकारी आदेश के बाद वर्ग नवम से बारहवीं तक की पढ़ा़ई प्रारम्भ हो चुकी है लेकिन इस विद्यालय में पढ़ने वाले सारंडा के सुदूरवर्ती गांव करमपदा, थोलकोबाद, कलैता, बंकर आदि गांवों के छात्र-छात्रायें सेल प्रबंधन के सीएसआर योजना से संचालित स्कूल बस का परिचालन नहीं कराये जाने की वजह से शिक्षा से वंचित हैं. विद्यालय की प्राचार्य दशमती बानरा ने सारंडा के उक्त गांवों के छात्र-छात्राओं की विद्यालय में पिछले छः अगस्त से अनुपस्थित रहने की वजह उनके अभिभावकों से जानने के बाद उन्होंने सेल की किरीबुरु खादान के परिवहन विभाग (सीएसआर) को बीते 27 अगस्त को पत्र लिखकर सीएसआर योजना अन्तर्गत चलने वाली उक्त स्कूल बस का परिचालन प्रारम्भ करने की मांग की है ताकि बच्चे नियमित पढ़ने हेतु स्कूल आ सकें.
प्रबंधन ने कहा-संचालक बस चलाए, जवाब मिला-पहले दो साल का बस भाड़ा दें
विद्यालय की प्राचार्य के पत्र का हवाला देते हुये सेल प्रबंधन ने निविदा प्राप्त स्कूल बस संचालक आरएस इन्टरप्राइजेज को 27 अगस्त को एक पत्र के माध्यम से वर्क आर्डर का हवाला देते हुए उक्त स्कूल के बच्चों को स्कूल लाने व ले जाने के लिए बस सेवा बहाल करने को कहा गया है. इस मामले में सेल से स्कूल बस चलाने वाले निविदा प्राप्त एजेंसी आरएस इंटरप्राइजेज के मालिक रामाशीष गुप्ता से सम्पर्क करने पर उन्होंने कहा कि सेल प्रबंधन हमें वर्ष 2020 एवं वर्ष 2021 में दो अलग-अलग निविदा के माध्यम से दो स्कूल बस चलाने का कार्यादेश एक-एक वर्ष के लिये दिया था. वर्ष 2020 में लगभग तीन-चार माह बस चलने के बाद कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन लगने की वजह से स्कूल बंद हो गया जिससे बस का परिचालन भी बंद हो गया. प्रबंधन से जब अपना पैसा मांगा तो प्रबंधन ने मौखिक आदेश दिया की बस स्टाफ का पैसा भुगतान करो तब पैसा मिलेगा. हमने बस नहीं चलने के बावजूद बस स्टाफ का पैसा भुगतान कर पूरा बिल प्रबंधन को सौंपा. लेकिन प्रबंधन सिर्फ बस स्टाफ को मेरे द्वारा दिया गया पैसा ही वापस किया लेकिन निविदा अनुसार आज तक बस भाडा़ का पैसा नहीं मिला, जिससे हम बस की किश्त (ईएमआई) भी नहीं भर पा रहे हैं. प्रबंधन जबतक वर्ष 2020 से लेकर अबतक का बस भाडा़ हमें नहीं देता है तब तक हम बस नहीं चला पायेंगे, चाहे मेरी निविदा ही रद्द क्यों न कर दी जाए. कोरोना की वजह से स्कूल बंद होने से हम निविदा की शर्तों के अनुसार अपनी बस कहीं नहीं चलाए और बस खडी़ रही. हमारा जो भी भाडा़ का पैसा होता है वह पैसा प्रबंधन दे तब हम बस चलायेंगे. [wpse_comments_template]
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