New Delhi : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज मंगलवार को उत्सर्जन में कटौती में मदद के लिए डीजल वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर(जीएसटी) लगाने की आवश्यकता की बात कही, लेकिन बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Union Minister Nitin Gadkari tweets, “…It is essential to clarify that there is no such proposal currently under active consideration by the government. In line with our commitments to achieve Carbon Net Zero by 2070 and to reduce air pollution levels caused by hazardous fuels… https://t.co/XmSd4Ye30F pic.twitter.com/UktzukEbEf
— ANI (@ANI) September 12, 2023
सियाम के 63वें वार्षिक सम्मेलन में नितिन गडकरी ने कहा
बता दें कि वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के 63वें वार्षिक सम्मेलन में नितिन गडकरी ने कहा था कि बढ़ता प्रदूषण स्तर स्वास्थ्य के लिए चिंता का एक गंभीर विषय बन गया है और डीजल वाहनों की बिक्री को कम करने के लिए करों में बढ़ोतरी का मामला बनता है. गडकरी ने संकेत दिया था कि इस मुद्दे पर उन्होंने एक पत्र तैयार किया है, जिसे वित्त मंत्री के साथ बैठक में उन्हें सौंपा जायेगा.
उत्सर्जन में कटौती के लिए स्वच्छ ईंधन अपनाने की जरूरत
गडकरी ने कहा, मैं वित्त मंत्री से डीजल इंजन/वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने का अनुरोध करूंगा. केवल इसी तरह डीजल वाहनों धीरे-धीरे हटाया जा सकता है. हालांकि, इस बयान के थोड़ी देर बाद ही उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) पर इस संबंध में सफाई दी. गडकरी ने एक्स पर लिखा, ‘यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि सरकार के समक्ष वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्सर्जन में कटौती के लिए स्वच्छ ईंधन को अपनाने की जरूरत है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने और डीजल जैसे ईंधन के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के साथ-साथ वाहन बिक्री में तेजी से वृद्धि के लिए हमारी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप, सक्रिय रूप से स्वच्छ तथा हरित वैकल्पिक ईंधन को अपनाना जरूरी है.
देश में डीजल कारें पहले ही काफी कम हो गयी हैं
सियाम के वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने आगाह किया कि सरकार कर इतना बढ़ा देगी कि डीजल की गाड़ियां बेचना मुश्किल हो जायेगा. देश में फिलहाल ज्यादातर वाणिज्यिक वाहन डीजल से चलते हैं. मारुति सुजुकी इंडिया और होंडा सहित विभिन्न कार कंपनियों ने यात्री वाहन खंड में डीजल से चलने वाली कारों का निर्माण पहले ही बंद कर दिया है. गडकरी ने कहा कि देश में डीजल कारें पहले ही काफी कम हो गयी हैं और विनिर्माताओं को इन्हें बाजार में बेचना बंद करना होगा. उन्होंने डीजल को खतरनाक ईंधन करार देते हुए कहा कि मांग को पूरा करने के लिए देश को ईंधन का आयात करना पड़ता है.
डीजल को अलविदा कहें…कृपया इन्हें बनाना बंद करें
गडकरी ने कहा, डीजल को अलविदा कहें…कृपया इन्हें बनाना बंद करें, नहीं तो हम कर इतना बढ़ा देंगे कि डीजल कार बेचना मुश्किल हो जायेगा.उन्होंने कहा कि वह डीजल से चलने वाले जनरेटर पर भी अतिरिक्त जीएसटी का प्रस्ताव रखेंगे. वर्तमान में वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है, साथ ही वाहन के प्रकार के आधार पर एक प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक अतिरिक्त उपकर लगता है. इस क्रम में गडकरी ने उद्योग से एथनॉल जैसे पर्यावरण-अनुकूल वैकल्पिक ईंधन और हरित हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.