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गडकरी के बेटे की कंपनियां एथेनॉल प्रोड्यूस करती हैं, वे पॉलिसी बना रहे हैं, बेटे पैसा कमा रहे हैं : कांग्रेस

 New Delhi :  कांग्रेस ने देश में  एथेनॉल मिक्स पेट्रोल-डीजल बेचे जाने को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है.  AICC मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने आज प्रेस कॉंफ्रेस कर आरोप लगाया कि देश को बताया गया है कि रूस से सस्ता कच्चा तेल आ रहा है,  लेकिन रूस से आने वाला कच्चा तेल मोदी जी के दोस्त की रिफाइनरी में गया.

 

 

 

पवन खेड़ा ने कहा, तेल मोदी जी के भतीजों की कंपनी में भी गया, जहां एथेनॉल मिलाया गया. पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि उसके बाद मोदी सरकार ने उस तेल पर टैक्स लगा दिया.  जनता से कहा गया कि एथेनॉल से गाड़ियों की माइलेज अच्छी होगी. इंजन के रख-रखाव की चिंता ख़त्म होगी.

 

 पवन खेड़ा ने नीति आयोग को कोट करते हुए कहा कि माइलेज में 6फीसदी की गिरावट आयी है. कहा कि 2023 से पूर्व जितने भी इंजन बने हैं, वो एथेनॉल के साथ compatible नहीं हैं. आरोप लगाया कि इंजन खराब हो रहे हैं. लोगों को लूटा जा रहा है. बात उठाने पर मंत्री नितिन गडकरी कहते हैं कि पेट्रोलियम लॉबी लोगों को डरा रही है.  

 

पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि देश के लोगों को बताया गया है कि एथेनॉल से किसानों को फायदा होगा लेकिन असल में किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा. इसका फायदा गडकरी के बेटे उठा रहे हैं. कहा कि देश में मौजूद  एथेनॉल की डिस्टिलरीज RED कैटेगरी में आती हैं. इससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है.  

 


पवन खेड़ा ने कहा कि नितिन गडकरी के बेटे निखिल गडकरी और सारंग गडकरी कंपनियां Cian Agro Industries & Infrastructure Ltd, Manas Agro Industries And Infrastructure Ltd  एथेनॉल प्रोड्यूस करती हैं. इसका मतलब सरकार में बैठे पिता (गडकरी) पॉलिसी बना रहे हैं और बेटे पैसा कमा रहे हैं.

 

पवन खेड़ा ने पूछा कि निखिल गडकरी की कंपनी Cian Agro का जून, 2024 में रेवेन्यू 18 करोड़ था. यह जून, 2025 में बढ़कर 723 करोड़ हो गया. बताया कि इस कंपनी के शेयर की कीमत जनवरी, 2025 में 37 रुपए थी. अब यह बढ़कर 638 रुपए पर पहुंच गयी है.

 

तंज कसा कि 11 साल के इतिहास में मोदी सरकार की कोई भी योजना समय पर पूरी नहीं हुई, लेकिन 2025 की समयसीमा से पहले देश ने 20फीसदी एथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया.

 

कहा कि  एक लीटर एथेनॉल बनाने में लगभग 3,000 लीटर पानी की खपत होती है.  इसका मतलब पर्यावरण को संरक्षित करने का दावा मोदी सरकार का जुमला निकला.  

 

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