Galudih (Prakash Das) : आज भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या विकराल रूप धारण किए हुए है. कई जगहों पर लगाए गए जलमीनार सिर्फ शो पीस बनकर रह गए हैं. ऐसे में सरकार और विभाग का दावा छलावा साबित होता नजर आ रहा है. घाटशिला प्रखंड के बड़ाखुर्शी पंचायत अंतर्गत पैरागुड़ी गांव में पिछले कई महीनों से पेयजल संकट गहराने लगा है. गांव में लगे जलमीनार जवाब दे रहे हैं. ऐसे में गांव के ग्रामीण पानी के लिए यहां-वहां भटकने के लिए मजबूर हैं. पैरागुड़ी दुर्गा मंदिर के समीप स्थित जलमीनार का कुछ ऐसा ही हाल है. ग्रामीणों ने बताया कि शीघ्र ही यदि पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे दूषित पानी पीने को मजबूर होंगे.
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जल संकट को दूर करने के लिए विभाग नहीं है गंभीर
ग्रामीणों की मानें तो दुर्गा मंदिर के पास लगा जलमीनार पिछले कई महीनों से खराब पड़ा है. जलमीनार लगने के बाद ग्रामीणों ने सोचा था कि अब घर-घर में नल से पानी मिलेगा. लेकिन अब घर-घर पानी तो दूर की बात है, हाल ये है कि जलमीनार में कब पानी भरता है इसका भी कोई ठीक-ठिकाना नहीं. वहीं, पैरागुड़ी के पानपातड़ी के ग्रामीण भी लगातार जल समस्या से जूझ रहे हैं. टोले में लगा चापाकल पर्याप्त पानी नहीं दे पाता है.
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उनकी मानें तो जानकारी होने के बाद भी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग कानों में तेल डाल कुंभकर्णी निद्रा में सोया हुआ है. जल संकट को दूर करने को लेकर वे गंभीर नहीं है. टोले के लोग किसी तरह प्यास बुझा रहे हैं. ग्रामीणों द्वारा कई बार नए चापाकल के लिए आवाज उठाया गया, लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई है.
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