Ranchi : छोटानागपुर क्राफ्ट डेवलपमेंट सोसाइटी की ओर से हरमू मैदान में इस बार भी गांधी शिल्प बाजार लगाया गया है. इसमें हस्तकला से जुड़े सामान के साथ ही खाने-पीने के देश भर के करीब 100 स्टॉल लगे हैं. 19 जून तक चलने वाले इस गांधी शिल्प बाजार में लखनऊ की चिकनकारी, गुजरात की मोजरी, बेगूसराई की चूड़ियां, राजस्थान के अचार-पापड़, बंगाल की खादी एवं सहारनपुर के असमटेक की लकड़ियों से बनाये गए सेज मिल रहे हैं. हालांकि इस बार रांची में उपद्रव और मौसम की वजह से मेले पर असर पड़ा है. पर शाम में यहां रौनक देखने को मिल रही है. आयोजकों के मुताबिक, इस बार ज्यादा डिमांड खादी के कपड़ों की है. खाने-पीने के स्टॉल पर भीड़ देखी जा रही है.
दुकानदारों का कहना है- इस बार हुआ नुकसान
मेले में इस बार रौनक नहीं है. अभी और तीन दिन मेला रहेगा. दूसरे राज्यों से आनेवाले दुकानदार इस बार उतने खुश नहीं हैं. उनका कहना है कि इस बार काफी नुकसान हो रहा है. मालूम हो कि हर साल रांची में गांधी शिल्प मेले का आयोजन किया जाता है. देश भर के दुकानदार यहां अपने हाथों से बनी चीज बेचने आते हैं.
इस बार लोगों की भीड़ नहीं जुट रही
दुकानदारों ने बताया कि रांची में हुए उपद्रव और पिछले 2 दिन से हो रही बारिश से लोगों का आना- जाना कम है. सुबह के वक्त को पूरा सन्नाटा रहता है, शाम में थोड़ी रौनक होती है. इस साल लोग उतनी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. हालांकि खाने- पीने के स्टॉल में भीड़ दिख रही है.
गरीब औरतों द्वारा बनाये सामान को देना है बाजार
बताया गया कि गांधी शिल्प बाजार में जितनी भी चीजें मिल रही हैं वो गरीब औरतों के द्वारा बनायी गई हैं. दुकानदारों ने बताया कि जो कमाई होती है, उन्हीं औरतों में बांटी जाती है. पर इस साल अब तक सिर्फ 30 % ही कमाई हुई है. कई दुकानदारों ने तो बताया कि स्टॉल का चार्ज 10,000 रुपये के करीब है, जो उन्हें जेब से ही देने पड़ रहे हैं, क्योंकि इस बार बिक्री काफी कम हो रही है.
इसे भी पढ़ें – सरयू ने सीएस को लिखा पत्र : नियमों का उल्लंघन कर एमवी राव ने अनुराग गुप्ता को किया था आरोप मुक्त