Ranchi : धनबाद जेल में तीन दिसंबर 2023 को गैंगस्टर अमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले की सीआईडी जांच कर रही है. गैंगस्टर हत्याकांड मामले में सीआईडी की पूरक चार्जशीट से नया खुलासा हुआ है. सीआईडी की पूरक चार्जशीट के अनुसार, अमन सिंह को मारने के लिए मोबाइल पर कोड वर्ड में दो ब्रेटा पिस्टल जेल के बाहर से मंगाये गये थे. जेल सिपाही शिव स्नेही ने गेट पर पिस्टल को रिसीव किया था. वहीं जेल जमादार जितेंद्र सिंह ने खाने के पैकेट में भरे पिस्टल और गोलियों को विकास बजरंगी के वार्ड तक पहुंचाया था. सीआईडी को दिये बयान में यूपी जौनपुर निवासी राहुल सिंह राजपूत ने इसका जिक्र किया है. सीआईडी ने धारा 164 के तहत राहुल सिंह का बयान न्यायालय में दर्ज कराया है. इस मामले में अब तक रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो, विकास कुमार उर्फ विकाश बजरंगी, सतीश कुमार उर्फ गांधी, चंदन यादव उर्फ ब्रजेश यादव, सहजाद कुरैशी, बंटी उर्फ धनु वर्मा, पिंटू सिंह उर्फ जयनेंद्र कुमार, अभिमन्यु कुमार सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है.
विकास बजरंगी और अमन सिंह के बीच हुआ था विवाद
राहुल ने सीआईडी को बताया कि एक माह पहले कतरास के कोयला कारोबारी मनोज यादव की हत्या में धनबाद जेल में बंद विकास बजरंगी और अमन सिंह के बीच विवाद हुआ था. अमन सिंह ने विकास के घरवालों को जान से मारने की धमकी दी थी. वहीं विकास ने भी अमन को मारने की चेतावनी दी थी. हत्या से कुछ ही दिन पहले अमन सिंह का करीबी राहुल सिंह अपने गिरोह के वैभव यादव से मिलने विकास बजरंगी के वार्ड में गया था. उस दिन उसने विकास को किसी से फोन पर बातचीत करते सुना था. विकास किसी से कोड वर्ड में कह रहा था कि दो सेट और 40 चना भेज देना. खाने के पैकेट में डाल कर गेट पर सिपाही स्नेही को देने का निर्देश दिया था. एक घंटे बाद जमादार जितेंद्र सिंह वहां पर थैला में खाने का पैकेट लेकर पहुंचा था. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि स्टोर रूम में सब्जी के झोले में छिपाकर पिस्टल रखे गये थे.
पैर दबानेवाले ने ही अमन सिंह के शरीर में उतार दी गोली
गैंगस्टर अमन सिंह को अपनी जान का खतरा था और इसलिए वह अपने आसपास किसी को भटकने तक नहीं देता था. गिनती के ही लोग थे, जो उसके वार्ड से बाहर आने के बाद उससे मिलते व बात करते थे. लेकिन रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो जेल के अंदर आते ही उसका करीबी बन गया. सूत्रों ने बताया कि 25 नवंबर को रितेश जेल में आया और उसके दो दिन के बाद ही अमन सिंह का सेवक बन गया. वह अमन सिंह का पैर दबाने का काम करता था. लेकिन अमन को कहां पता था, जो उसका पैर दबा रहा है, वही उसका काल बन जायेगा.
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