Gawan (Giridih) : गावां प्रखंड में आंगनबाड़ी केन्द्रों की हालत अत्यंत बदतर है. केन्द्रों का समय पर नहीं खुलना, समय के पहले बंद हो जाना, एक आम समस्या बनकर रह गयी है. कुछ चुनिंदा केन्द्रों को छोड़ अधिकांश सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्रों की हालत अत्यंत दयनीय है. केन्द्रों में न तो पोषाहार का सही ढंग से वितरण हो पाता है, न गर्भवती व धात्री महिलाओं को ही सरकारी लाभ मिल पा रहा है. विभाग भी माह में एकबार प्रखंड में बैठक कर रिपोर्ट जमा करवाकर अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ लेता है.
मंगलवार को माल्डा पंचायत के उत्तरी भाग का केन्द्र व लक्ष्मीपुर के आंगनबाड़ी केन्द्र में दिन के दस बजे एक भी बच्चे उपस्थित नहीं पाये गये. सेविका ने कहा कि बच्चे चले गये हैं. आसपास के लोगों ने कहा कि केन्द्र नियमित नहीं खुलता है. प्रखंड स्थित खरसान, पिहरा पसनौर, नीमाडीह, मंझने, बिरने, पसनौर समेत अन्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी केन्द्रों की हालत कमोबेश यही है.
केन्द्रों में सेविका सहायिका के स्थानीय होने के कारण भी लोग शिकायत करने से परहेज़ करते हैं. कुछ ग्रामीणों ने कहा कि शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाती है. उल्टा सेविका सहायिका के परिजनों का कोपभाजन बनना पड़ता है. इस समय प्रखंड में सीडीपीओ का अतिरिक्त प्रभार बीडीओ सह सीओ महेन्द्र रविदास को सौंपा गया है. यहां मात्र एक पर्यवेक्षिका कार्यरत हैं. लिहाज़ा केन्द्रों का निरीक्षण नहीं के बराबर हो पाता है. केन्द्रों का निरीक्षण नहीं होने के कारण केन्द्रों के संचालन में जमकर मनमानी बरती जाती है.
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