Garhwa: नेशनल रेबिज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत सदर अस्पताल में एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार व प्रशिक्षक के रूप में जिला महामारी विशेषज्ञ सह जिला नोडल पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार मिश्रा शामिल हुए. इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा पदाधिकारी, एएनएम व फर्मासिस्ट भी थे. सीएस ने कहा कि रैबिज का कोई उपचार नहीं है. बचाव ही एकमात्र तरीका है. सीएस ने इंट्राडर्मल रोंटे (आइडी) द्वारा वैक्सिनेशन करने की सलाह दी. सीएस ने अलग-अलग श्रेणी के जानवरों के काटने पर घाव के प्रबंधन के लिए कैटेगरी एक, दो व तीन के बारे में व टीकाकरण का भी कोटिवार जानकारी दी. उन्होंने हाईरिस्क मैटेगरी में स्कूली बच्चे, ट्रैफिक पुलिस, खुदरा व्यवसायी, वेटनरी के लोग, स्वास्थ्य विभाग एवं पंचायती राज से जुड़े कर्मचारी व पदाधिकारियों को टीकाकरण कराने संबंधी जानकारी दी. पोस्ट एक्सपोजर, रिएक्सपोजर और इम्यूनो कंप्रोमाइज्ड संबंधी सभी तकनीकी जानकारी प्रशिक्षुओं को दी. इस अवसर पर प्रशिक्षक ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत कार्य होने से जिले में रेबिज के उन्मूलन में तेजी आएगी. क्योंकि रैबिज का कोई उपचार नहीं है. बचाव ही एकमात्र तरीका है. उसे अपनाकर रेबिज से निजात पा सकते हैं. कार्यक्रम में सिविल सर्जन ने भी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया. प्रशिक्षण में डॉ. संजय कुमार, डॉ. आरके तरूण, डॉ. गोकुल प्रसाद, डॉ. रिंकु कुमारी, डॉ. किरण कुमारी, वेंकटेश नारायण, ममता कुमारी, वीबीडी कंसल्टेंट अरविंद कुमार द्विवेदी सहित अन्य मौजूद थे इसे भी पढ़ें – 1984">https://lagatar.in/1984-anti-sikh-riots-former-congress-mp-sajjan-kumar-sentenced-to-life-imprisonment-police-had-sought-death-sentence/">1984
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गढ़वा: नेशनल रेबिज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम

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