Sanjay Prasad
Garhwa : रंका अनुमंडल क्षेत्र का रमकंडा और चिनिया प्रखंड दूध उत्पादन की बदौलत श्वेत क्रांति की ओर अग्रसर है. करीब 2,500 लीटर प्रतिदिन गौपालक दूध का उत्पादन कर रहे हैं. रंका प्रखंड के कंचनपुर पंचायत भवन के समीप झारखंड स्टेट मिल्क फेडरेशन कई वर्षों से दूध शीतल केंद्र खोल रखा है. गौपालक किसान दूध को बिना किसी परेशानी के यहां पर पहुंचाते हैं. दूध की गुणवत्ता के हिसाब से गौपालको को प्रति सप्ताह बैंक खाते में राशि भेज दी जाती है. इधर फरवरी से लेकर मई-जून तक स्थानीय स्तर पर शादी और चारा के अभाव के कारण 25 सौ लीटर ही दूध उत्पादन हो होता है. वहीं जून-जुलाई से लेकर जनवरी माह तक किसानों के दूध उत्पादन में काफी बढ़ोतरी होती है. रंका अनुमंडल के तीनों प्रखंडों को मिलाकर प्रतिदिन 5000 लीटर दूध का उत्पादन होता है.
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प्रशासन हरसंभव दे रहा मदद- राम नारायण सिंह
रंका अनुमंडल पदाधिकारी राम नारायण सिंह ने बताया कि अनुमंडल क्षेत्र के कंचनपुर में शीतल केंद्र है. वहीं लुकुम्बार, होन्हे खुर्द, होन्हे कला डालें, रबदा खुर्रा सिंजो, शेरासाम, खरड़ीहा, मानपुर सलेया, कर्री, दौनादाग, मतौली, चटकमान, रणपुरा, खुर्री हुरदाग रमकंडा आदि गांवों में मिल्क कलेक्शन सेंटर बनाया गया है. यहां से दूध का संग्रह किया जाता है. यहां का दूध अन्य जिलों में भी भेजा जाता है. उन्होंने बताया कि लातेहार दुग्ध उत्पादन केंद्र में यहां के दूध को भेजा जाता है. रंका अनुमंडल पदाधिकारी राम नारायण सिंह ने कहा कि रंका अनुमंडल को श्वेत क्रांति की ओर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री पशुधन योजना के माध्यम से छोटे किसानों को जोड़ा जायेगा. उन्हें हर संभव मदद प्रदान किया जाएगा ताकि रंका अनुमंडल दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में जिला में अग्रणी भूमिका निभा सके.
गोबर गैस प्लांट बनाने पर भी चर्चा
उन्होंने बताया कि प्रशासन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गौपालक किसानों को गोबर गैस प्लांट कराने के लिए उपायुक्त से चर्चा की गई है. किसानों को ऊर्जा के मामले में विद्युत विभाग पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही रंका अनुमंडल क्षेत्र में प्राकृतिक खाद बनाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा. इसके लिए सरकार से हर संभव मदद देने के लिए पहल की जाएगी.
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2000 लीटर प्रतिदिन दूध उत्पादन का लक्ष्य- बीडीओ
वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी देवानंद राम ने कहा कि प्रखंड मुख्यालय में दुग्ध उत्पादन केंद्र के माध्यम से 1200 लीटर दूध का संग्रह किया जाता है. पशुपालकों को हर संभव मदद देने के लिए प्रखंड कार्यालय सतत प्रयासरत है. उम्मीद करते हैं कि वित्तीय वर्ष 2023 -24 में दुग्ध उत्पादन में रंका प्रखंड 12 सौ लीटर से बढ़ाकर 2000 लीटर के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा.
आजीविका मिशन महिलाओं को गौपालन से जोड़ रहा
इधर झारखंड राज्य आजीविका मिशन रंका के द्वारा विभिन्न सखी मंडलों को गाय पालन के लिए प्रेरित कर रहा है. लक्ष्य है कि कम समय में महिलाएं दूध उत्पादन करें और अपने परिवार को आत्मनिर्भर बना सकें. कल तक जो महिलाएं अपने घरों में रसोई के काम में लगी रहती थी, वही महिलाएं आज गौपालन में लगी हुई है. आजीविका मिशन के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार तिर्की के सहयोग से महिलाओं को गौपालन के लिए ऋण दिया जा रहा है. गोदरमाना तथा रंका ग्रामीण बैंक के शाखाओं के माध्यम से लगभग 1290 स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को गौपालन के लिए ऋण मुहैया कराया.