Garhwa : डिग्री कॉलेज खोले जाने को लेकर दो पूर्व विधायकों में वाकयुद्ध शुरू हो गया है. लोगों को आशंका है कि वाद-विवाद में कहीं डिग्री कॉलेज बनने का मामला अटक न जाय. बता दें कि पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर की पहल के बाद रंका अनुमंडल क्षेत्र के छात्र-छात्राओं के लिए डिग्री कॉलेज की मंजूरी मिल गई. लेकिन दो पूर्व विधायकों के बीच वाद-विवाद शुरू है. दोनों नेता भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. आरोप लग रहा है कि नेताओं की बयानबाजी रैयतों के मस्तिक को उद्वेलित करने में सहायक बन रहे हैं. क्षेत्र के पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ग्रामीणों के सहयोग से गैर मजरुआ जमीन का मालिकाना दिलाने की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि गैर मजरुआ जमीन बरसो से काबिज लोगों का ही होगा. वहीं पूर्व विधायक सह पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह का कहना है कि सरकार के द्वारा भूमिहीनों को 1996 ईस्वी में भूमि का पट्टा दिया गया है. जिस रैयत के पास जमीन का कागजात है उसको सरकार छोड़कर शेष गैरमजरुआ जमीन पर डिग्री कॉलेज का निर्माण करे.
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गिरिनाथ सिंह-सत्येंद्रनाथ तिवारी में विवाद
इस बात को लेकर भाजपा के पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी अपने ही पार्टी के वरिष्ठ नेता गिरिनाथ सिंह से वाक्य युद्ध कर रहे हैं. फिलहाल डिग्री कॉलेज का निर्माण कार्य संवेदक मुन्ना सिंह ने रोक दिया है. उनका कहना है सरकार जब तक उन्हें भूमि को अधिग्रहित करके नहीं दे देती है ,तब तक कार्य नहीं कराएंगे. इधर अंचल पदाधिकारी शंभू राम का कहना है कि गैरमजरूआ जमीन का मालिकाना हक सरकार का होता है. वहां रह रहे लोग बेवजह इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं. अब जो मार्गदर्शन सरकार के द्वारा प्राप्त होगा उस के आलोक में कार्रवाई की जाएगी.
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