New Delhi : कांग्रेस प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये. श्री वल्लभ ने भाजपा महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा. उनके साथ कांग्रेस की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा भी भाजपा में शामिल हो गये. गौरव वल्लभ ने आज गुरुवार को ही कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे पर भाजपा ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है. कहा कि कांग्रेस नेताओं का पार्टी से मोहभंग इसलिए हो रहा है, क्योंकि वह अपने राजनीतिक विचारों से उन नेताओं को समझाने में विफल साबित हो रहे हैं. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
VIDEO | Former Congress leader Gourav Vallabh (@GouravVallabh) joins the BJP in New Delhi. pic.twitter.com/SYh16ZQvmn
— Press Trust of India (@PTI_News) April 4, 2024
VIDEO | Former Congress leader Anil Sharma and former RJD leader Upendra Prasad join the BJP in New Delhi. pic.twitter.com/Tv77SYEW9K
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वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते
गौरव वल्लभ ने यह कहते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दिया कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते तथा वेल्थ क्रिएटर्स (पूंजी का सृजन करने वालों) को गाली नहीं दे सकते. वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा त्यागपत्र सोशल मीडिया मंच एक्स’ पर साझा किया और कहा कि पार्टी जिस तरह से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसे देखते हुए वह खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे थे. भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि वल्लभ की चिंताएं मूल रूप से कांग्रेस नेता एके एंटनी द्वारा कही गयी बातों की प्रतिध्वनि हैं, जो 2014 में पार्टी की हार के बाद गठित समिति के प्रमुख थे.
कांग्रेस की हार का प्रमुख कारण एक धर्म के प्रति बहुत अधिक झुकाव था
एंटनी ने अपनी रिपोर्ट में कांग्रेस की हार का प्रमुख कारण एक धर्म के प्रति उसका बहुत अधिक झुकाव बताया था. उन्होंने कहा, ‘समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता एके एंटनी ने निष्कर्ष दिया था कि कांग्रेस की करारी हार की सबसे बड़ी वजह यह है कि पार्टी का एक धर्म की ओर झुकाव होता दिख रहा है. त्रिवेदी ने कहा, एक तरह से वह यह कहने की कोशिश कर रहे थे कि कांग्रेस को मुसलमानों की ओर झुकाव रखने वाली पार्टी के रूप में देखा जाता है. उन्होंने कहा कि एके एंटनी खुद अल्पसंख्यक समुदाय से थे.
राहुल गांधी अपने नेताओं को समझा नहीं
पा रहे हैं
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि यह बहुत स्पष्ट है कि एक के बाद एक कांग्रेस नेताओं का पार्टी से मोहभंग हो रहा है, क्योंकि राहुल गांधी खुद अपने नेताओं को नहीं समझा पा रहे हैं तो वह देश को क्या समझायेंगे. त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस छोड़ते समय वल्लभ ने जिन कारणों का जिक्र किया, वह यह भी दर्शाता है कि राहुल गांधी के राजनीतिक और आर्थिक विचार पंक्चर हो रहे हैं.
मैं अपराध का भागी नहीं बन सकता
गौरव वल्लभ ने विस्तार से लिखे अपने इस्तीफे में कहा है कि भावुक हूं, मन व्यथित है. काफी कुछ कहना चाहता हूं, लिखना चाहता हूं और आपको बताना चाहता हूं. लेकिन मेरे संस्कार ऐसा कुछ भी कहने से मना करते हैं, जिससे दूसरों को कष्ट पहुंचे. फिर भी मैं आज आप अपनी बातों को आपके समक्ष रख रहा हूं. ऐसा इसलिए कि सच को छिपाना भी अपराध है. मैं अपराध का भागी नहीं बन सकता.
पिछले कुछ दिनों से पार्टी के स्टैंड से असहज महसूस कर रहा हूं
मैं वित्त का प्रोफेसर हूं. पार्टी ने मुझे राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया तो मैंने मजबूती के साथ बात रखी. लेकिन पिछले कुछ दिनों से पार्टी के स्टैंड से असहज महसूस कर रहा हूं. जब मैंने कांग्रेस जॉइन की थी तो लगा था कि यह देश की सबसे पुरानी पार्टी है. यहां पर युवा, बौद्धिक लोगों के आइडिया की कद्र होती है.
गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस पार्टी के स्टैंड से क्षुब्ध हूं. मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं. पार्टी के इस स्टैंड ने मुझे असहज किया. पार्टी व गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन के विरोध में बोलते हैं और पार्टी का उस पर चुप रहना. एक तरह से मौन स्वीकृति देने जैसा है.
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