NewDelhi : अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने आज मंगलवार को वीडियो संदेश जारी कर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट गलत ठहराया है. उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च सेंटर पर समूह को बदनाम करना का आरोप लगाया है. अडानी ने एजीएम में कहा कि इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट उस समय प्रकाशित की, जब समूह भारत के इतिहास में सबसे बड़ा एफपीओ लाने की योजना बना रहा था. ‘रिपोर्ट गलत सूचना और बेबुनियाद आरोपों को मिलाकर तैयार की गयी थी, जिनमें से ज्यादातर आरोप 2004 से 2015 तक के थे. (पढ़ें, लातेहार : 25 जुलाई को जब्त वाहनों की नीलामी करेगा खनन विभाग)
#WATCH …यह रिपोर्ट एक गलत सूचना और बदनाम आरोपों का एक संयोजन थी। उनमें से अधिकांश 2004 से 2015 तक के थे। सभी का निपटान उस समय अधिकारियों द्वारा किया गया था। यह रिपोर्ट हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण प्रयास था… : हिंडनबर्ग रिपोर्ट… pic.twitter.com/iPjNM9VcFm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 18, 2023
निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कंपनी ने एफपीओ के पैसे वापस किये
अडाणी ने आगे कहा कि उन सभी आरोपों का निपटारा उस समय उपयुक्त अधिकारियों ने किया था. यह रिपोर्ट जानबूझकर और दुर्भावना के साथ तैयार की गयी थी. इसका मकसद हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और हमारे शेयरों की कीमतों में अल्पकालिक गिरावट से मुनाफा कमाना था. आगे कहा कि इस रिपोर्ट के बाद भी समूह के एफपीओ को पूरा अभिदान मिल गया था. लेकिन निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कंपनी ने सभी के पैसे वापस करने का फैसला किया गया. गौतम अडानी ने एजीएम में कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का ग्रुप ने तुरंत व्यापक खंडन जारी किया. लेकिन निहित स्वार्थों के चलते कुछ लोगों ने शॉर्ट-सेलर के दावों से फायदा उठाने की कोशिश की.
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