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Gawan (Giridih) : रमजान का पाक महीना चल रहा है. बरकत और रहमत के इस महीने में इस महीने सभी मुसलमान लोग रोजा रख कर खुदा की इबादत करते हैं. रमजान के महीने में ऊपर वाले की नेमत तो बरसती ही है लेकिन इस दौरान रोजा रखने से सेहत से जुड़े भी कई फायदे होते हैं. रमजान में लोग लगभग 12-15 घंटे का रोजा रखते हैं. रोजेदार इस दौरान सुबह सूरज निकलने से पहले और शाम को सूरज ढलने के बाद ही कुछ खाते हैं. खाने के बीच का ये लंबा अंतराल सेहत के लिहाज से काफी अच्छा है.
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वजन होता है कम
रोजा रखने से वजन भी तेज़ी से कम होता है. रोजे में पेट लगभग 12-15 घंटे खाली रहता है. इससे कैलोरी इन्टेक भी कम होता है. हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को आराम करने का मौका मिलता है, मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है. इससे वजन कम करने में मदद मिलती है.
बॉडी डिटॉक्स होती है
रोजा रखने से हमारी बॉडी डिटॉक्स होती है. इसके पीछे कारण ये है कि रोजे के दौरान हमारे पाचन तंत्र को आराम करने का पूरा मौका मिलता है. पाचन तंत्र को जितना काम आम दिनों में करना पड़ता है, रोजे के दौरान पाचन तंत्र को उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती है. इसी वजह से शरीर डिटॉक्स हो पाता है और टॉक्सिन्स शरीर से बाहर निकल पाते हैं.
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छूटती हैं बुरी आदतें
रोजे रखने का मतलब सिर्फ भूखा रहना ही नहीं होता बल्कि इस दौरान नफ्ज (इन्द्रियों) पर नियंत्रण रखने की सलाह भी दी जाती है. ऐसे में अगर किसी को कोई ऐसी लत है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. तो रमजान के महीने में वो आसानी से छूट सकती है.
इस बात का भी रखें ख्याल
रमजान के दौरान इंटरमिटेंट फास्टिंग का पूरा लाभ पाने के लिए इफ्तार के दौरान तला-भुना ज्यादा ना खाएं. हेल्दी खाने को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं.
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