कैबिनेट से पारित एक हजार रुपया अब तक नहीं मिला
प्रदेश महामंत्री रेशमा प्रवीण ने कहा कि राज्यभर मे 29,600 जलसहिया है. इन सभी को एक हजार रुपया प्रति महीना मिल रहा है. वर्तमान सरकार महिलाओं को घर बैठे 2500 सौ रुपया मंईयां सम्मान के रूप में बैंक के खाते में डाला जा रहा है. लेकिन जल सहिया लोगों के घर जाती हैं. लोगों को स्वच्छता के बारे में जानकारी, खराब चपानल मरम्मत करवाने का काम करती आ रही है. महिलाओं के बीच चुपी तोड़ो कार्यक्रम आयोजित करते हैं. समाज में फैली अंधविश्वास को हटाने पर जोर देते हैं. इसके एवज में एक हजार मानदेय हर महीना दी जा रही है. अगस्त 2024 में केबिनेट से एक हजार रुपया मानदेय राशि देने का प्रस्ताव लाया गया था. आज तक जलसहियाओं के खाते में नहीं आया है.कार्यकाल समाप्त होने पर बनी नयी कमेटी
एकदिवसीय राज्य सम्मेलन आयोजित की गई. जिसमें राज्य कमेटी का कार्यकाल समाप्त होने पर पुन; नयी कमेटी का गठन किया गया जिसमें गिरिडीह से गायत्री देवी को प्रदेश अध्यक्ष, एतवारी महतो को प्रदेश मुख्य संरक्षक, गुमला से प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कुंती देवी, सिमडेगा से रेशमा प्रवीण को प्रदेश महामंत्री और प्रदेश कोषाध्यक्ष धनबाद से ललिता देवी, मुनी कोईरी, प्रेमलता देवी व विमला देवी को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया. इसे भी पढ़ें – चिराग">https://lagatar.in/chirag-claims-indian-alliance-will-be-destroyed-before-bihar-elections/">चिरागपासवान का दावा, बिहार चुनाव से पहले इंडी गठबंधन हो जायेगा स्वाहा
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