Ghatshila (Rajesh chowbey) : आजाद भारत के इतिहास का सबसे काला अध्याय आपातकाल दिवस पर शनिवार को भाजयुमो जिला कार्यालय घाटशिला में विशेष संगोष्ठी का आयोजन भाजपा जिला उपाध्यक्ष मनोज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई. मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में जेबी तुबिद उपस्थित थे. उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आपातकाल की घोषणा के साथ ही सभी नागरिकों के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे. अभिव्यक्ति का अधिकार ही नहीं था, लोगों के पास जीवन का अधिकार भी नहीं रह गया था.
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नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था
25 जून की रात से ही देश में विपक्ष के नेताओं की गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया था. लोकनायक जयप्रकाश नारायण, परम् श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवानी एवं जॉर्ज फर्नांडिस आदि बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया था. जेलों में जगह नहीं बची थी. पुलिस का अत्याचार चर्म पर था. प्रेस पर भी सेंसरशिप लगा दी गई थी. हर अखबार में सेंसर अधिकारी बैठा दिए गए थे. उसकी अनुमति के बाद ही कोई समाचार छप सकता था.
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नागरिकों के अधिकार का हनन कर लिया गया था
मौके पर लखन मार्डी ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर आपातकाल की घोषणा की थी और पूरे देश में आपातकाल लगा दिया था. लोकतंत्र की हत्या एवं आम नागरिकों के अधिकार का हनन इस दौरान व्यापक पैमाने पर किया गया. मौके पर जिला उपाध्यक्ष संजय अग्रवाल, विजय पांडेय, मनोज प्रताप सिंह, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष माला दे, युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष कौशिक कुमार, गोपाल पटनायक, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष नौशाद अहमद, दीपेश शर्मा, सुरेश माहली, सूजन मन्ना, संजय तिवारी, राहुल पांडेय, बिमल कालिंदी, दिलीप पुराण, मंटू प्रजापति, आकाश दत्ता सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे.