Ghatshila (Rajesh Chowbey) : माझी परगना महाल, बाखुल पावड़ा, घाटशिला में माझी परगना महाल, पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था का 22 एवं 23 जून को 14वां महासम्मेलन की अंतिम तैयारी को लेकर सोमवार को बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता देश परगना बाबा बैजू मुर्मू ने की. बैठक में उपस्थित परगना बाबाओं ने सम्मेलन को तैयारी को लेकर समीक्षा की. धाड़ दिशोम के सभी गांव के माझी बाबाओं को निमंत्रण दिया गया है. साथ ही असम, ओडिशा, बंगाल, बिहार के अलावा हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह तथा संथाल परगना के सभी जिले के संथाल समाज के पारंपरिक अगुवाओं को निमंत्रण दिया गया है. महासम्मेलन में लगभग दो हजार डेलिगेट्स आएंगे. पहले दिन 22 जून को प्रतिनिधियों की बैठक सुबह 10 बजे से शुरू होगी. सभी परगना बाबाओं की उपस्थिति में समाज की रीति रिवाज, धर्म, संस्कृति, पूजा पद्धति, विचार व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक, रोजगार, और जल, जंगल, जमीन को बचाते हुए संवैधानिक अधिकार को सुरक्षित एवं संरक्षित करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
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जिलिंगगोड़ा स्थित आवास पर दिया निमंत्रण
इसके उपरांत सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया जाएगा. दूसरे दिन दोपहर 12 बजे से आमसभा होगी. इसमें पड़ोसी राज्यों से आए हुए प्रतिनिधि, बुद्धिजीवी दोपहर 1.30 बजे तक अपना संदेश सुनाएंगे. दोपहर 2 बजे समापन समारोह में मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन शामिल होंगे. इसके लिए माझी परगना महाल का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के जिलिंगगोड़ा स्थित आवास पर मुलाकात की और निमंत्रण दिया. मुख्यमंत्री ने इसमें शामिल होने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है. बैठक में दसमत हांसदा पारगना, जुगसलाई तोरोप, पारानिक मधु सोरेन, लेदेम किस्कू, पंचानन सोरेन, घाट परगना लखन मार्डी, माझी बाबा युवराज टुडू, दुर्गा चरण मुर्मू, दिपक मुर्मू, प्रोफेसर श्याम मुर्मू, मार्शल मुर्मू, कृष्णा मुंडा, जगदीश बास्के, मानिक मुर्मू, धार्मा मुर्मू, गोपी हांसदा, मनोज हांसदा, जगदीश मुर्मू, सुफल मुर्मू, सुशांत हेम्ब्राम, कुशाल हांसदा आदि काफी संख्या में समाज के लोग शामिल थे.
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