Ghatshila (Rajesh Chowbey) : पंचायत स्तरीय प्रज्ञा केंद्र के संचालकों की अनुमंडल स्तरीय बैठक सोमवार को धरमबहाल पंचायत सचिवालय में आयोजित की गई. बैठक में चर्चा के दौरान निर्णय लिया गया कि प्रज्ञा केंद्र संचालकों की समस्या लिखित रूप से उपयुक्त को दी जाएगी. बैठक के संबंध में किंकर पाल ने बताया कि लोगों को प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एवं अन्य सेवाएं पंचायत भवन में ही उपलब्ध हो जाती हैं. सरकार के दिशा निर्देश के बावजूद अभी तक मनरेगा, 15वें वित्त आयोग, जन्म मृत्यु आदि कार्यों को पंचायत सचिवालय में संपादित करने की व्यवस्था नहीं की गई है. इन कार्यों के लिए पंचायत सचिवालय के वीएलई को प्रखंड की ओर से सहयोग किया जाता तो पंचायत के लोगों को प्रखंड कार्यालय का चक्कर काटना नहीं पड़ता.
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उन्होंने बताया कि डिजिटल पंचायत परियोजना अंतर्गत सरकार द्वारा तय किया गया था कि संचालकों को मासिक राशि 7550 रुपया प्रति पंचायत वीएलई को मिलना था. आज की महंगाई को देखते हुए एक सम्मानजनक मानदेय राशि दी जाए ताकि परिवार का भरण पोषण हो सके. वर्तमान में 2475 रुपया का भुगतान किया जा रहा था वह भी मार्च महीने के बाद से नहीं किया गया. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जैसे मंईयां सम्मान योजना, फसल बीमा योजना के लिए पंचायत में प्रज्ञा केंद्र संचालकों द्वारा रात दिन एक करके काम किया गया. लेकिन तीन महीना पूरा हो जाने के बाद भी विभाग द्वारा संचालकों को भुगतान नहीं किया गया. इन मांगों से संबंधित ज्ञापन पंचायती राज विभाग के सचिव को भी भेजने का निर्णय लिया गया.
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बैठक में मुख्य रूप से बसंत कुमार महतो, संजय कुमार, अभिजीत दास, धनंजय सिन्हा, ब्रम्हा पाल (बहरागोड़ा), शिवम दे (चाकुलिया), राजू नारायण भगत (पोटका), लखन मंडल (पोटका), संजय कुमार मंडल (मुसाबानी), जगदीश चंद्र पाल (मुसाबानी), अनिमेष महतो (पटमदा), भाबेश् (पटमदा), बसंत कुमार महतो (चाकुलिया) सहित अन्य उपस्थित थे.
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