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घाटशिला : सोना देवी विश्वविद्यालय और कॉफ्फेड के बीच हुआ एमओयू

Ghatshila (Rajesh Chowbey) : झारखंड एवं बिहार के मछुआरों के सर्वांगीण विकास को लेकर पूर्वी सिंहभूम स्थित सोना देवी विश्वविद्यालय तथा बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ लि. (कॉफ्फेड) के बीच एक एमओयू साइन किया गया है. इसका उद्देश्य मत्स्य पालन के क्षेत्र में मछुआरों को अद्यतन ज्ञान, तकनीक, कौशल एवं व्यावसायिक प्रबन्धन में प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार प्रदान करना एवं उत्पादकता को बढ़ाना है. इस मौके पर सोना देवी विश्वविद्यालय, घाटशिला के चेयरमैन प्रभाकर सिंह ने कहा कि दूसरे राज्यों की तुलना में झारखंड एवं बिहार में मछली उत्पादन का स्तर बहुत निम्न है. लेकिन इन दोनों राज्यों में मत्स्य पालन, उत्पादन के क्षेत्र में असीमित संभावनाए हैं. मछली पालन एक सर्व समावेशी व्यवसाय है, इसमें ग्रामीण मछुआरों की आजीविका में वृद्धि कर उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाया जा सकता है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-chief-engineer-ordered-to-prepare-dpr-for-two-ambitious-schemes/">जमशेदपुर

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फीस में मिलेगी 50 प्रतिशत तक की छूट

झारखंड तथा बिहार के युवा मछुआरों को मत्स्य पालन की विभिन्न योजनाओं की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराने, मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्य संसाधन प्रबंधन, मछली प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी एवं मूल्य संवर्धन मत्स्य पालन इंजीनियरिंग, जलीय पर्यावरण प्रबंधन हेतु फिशरीज विज्ञान में सर्टीफिकेट इन फिशरीज मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन फिशरीज मैनेजमेंट तथा बीएससी इन फिशरीज साइंस में पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया गया है. कॉफ्फेड के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने भी इस अवसर पर कहा कि इस एमओयू के परिपेक्ष्य में बिहार एवं झारखंड के मछुआरे समुदाय के बच्चों को मछली पालन के क्षेत्र में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए उनकी फीस में 50 प्रतिशत तक की छूट कॉफ्फेड तथा एसडीयू द्वारा दी जाएगी. [wpse_comments_template]

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