Ghatshila (Rajesh Chowbey): इस आधुनिक युग में भी लोग अंधविश्वास के अंधेरे तले जी रहे हैं. किसी आपदा में संबंधित चिकित्सा की जगह झाड़-फूंक के भरोसे लोग समय पैसा और जिंदगी गवां कर भी सीख नहीं ले रहे. ऐसा ही एक मामला धालभूमगढ़ प्रखंड के पावड़ा नरसिंहगढ़ पंचायत के कालिंदी बस्ती से सामने आया है. यहां एक बच्चे को सांप ने काट लिया है और परिजन डॉक्टर की जगह ओझा-गुणी के चक्कर में पड़े हैं.
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रविवार देर रात सांप ने काट लिया
प्राप्त जानकारी के अनुसार कालिंदी बस्ती के दीपक कालिंदी के 13 वर्षीय पुत्र सागर कालिंदी को रविवार की देर रात सोने के समय चीती सांप ने काट लिया. बेटे की स्थिति खराब होने पर परिजन उसे धालभूमगढ़ सीएचसी ले गए. वहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद एमजीएम रेफर कर दिया. सीएचसी की चिकित्सक मणिमाला सेन ने कहा कि परिजनों ने सांप के काटने की बात स्पष्ट रूप से नहीं बताई. कहीं पर भी सर्पदंश का निशान नहीं था. इसके बावजूद एंबुलेंस से एमजीएम भेजा गया.
सोमवार को अस्पताल से घर ले आए, ओझा गुणी के पास गए
परिजनों का कहना है कि वे लोग सुबह एमजीएम पहुंचें लेकिन वहां सही उपचार नहीं हो पाया. सोमवार की सुबह परिजन एंबुलेंस से बच्चे को वापस नरसिंहगढ़ कालिंदी बस्ती ले आए. उसके बाद ग्रामीण जुटे. कुछ ग्रामीणों ने ओझा गुणी के पास ले जाने को कहा. ग्रामीणों की बात पर सागर के पिता दीपक कालिंदी एवं परिजनों ने सोनाखून के ओझा गुणी से संपर्क कर उसके साथ पश्चिम बंगाल के मिदनापुर गए. वहां लगभग एक बजे पहुंचने पर वहां के ओझा गुणी ने बताया कि उसने लाकडाउन के समय से मरीज का झाड़-फूंक करना छोड़ दिया. बच्चा अचेत है, शरीर ठंडा है. आप इसे डाक्टर के पास ही ले जाइए. फोन पर सागर के पिता दीपक कालिंदी ने बताया कि हमलोग गांव के छह सात लोग के साथ ओझा गुणी के साथ ही आ रहे हैं. ओझा गुणी ने भरोसा दिया कि एक सप्ताह तक बच्चे का झाड़-फूंक करेंगे.
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