Ghatshila (Rajesh Chowbey) : बाघुड़ीया पंचायत के गुड़ाझोर गांव में भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी जगन्नाथ सिंह पातर की मुर्ति का अनावरण बुधवार को विधायक रामदास सोरेन ने किया. आज के ही दिन जगन्नाथ सिंह पातर शहीद हुए थे. इससे पूर्व नायके रामचंद्र सिंह ने विधि-विधान से पूजा अर्चना की. इसके बाद विधायक रामदास सोरेन, मुखिया पबिता सिंह, जिला परिषद सुभाष सिंह सहित ग्रामीणों ने स्वतंत्रता सेनानी की मुर्ति पर माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि दी. विधायक ने बताया कि जगन्नाथ सिंह पातर को अंग्रेजों ने पकड़कर 5 अप्रैल 1790 को फांसी दे दी थी. इसी को लेकर शहीद दिवस के दिन उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया है.
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अंग्रेजों के खिलाफ फूंका था बिगुल
वह दामपाडा 60 मौजा के जमींदार थे. जब शाह आलम द्वितीय से 1765 में अंग्रेजों को बिहार, ओडिशा की दिवानी प्राप्त हुई थी तब दो वर्ष बाद 1767 में अंग्रेजों ने कब्जा करना शुरू कर दिया और लगान वसुली भी शुरू कर दी थी. किसानों के द्बारा लगान नहीं देने पर उन पर जुल्म व अत्याचार शुरू कर दिया गया था. इसका जगन्नाथ सिंह नी धालभूम के राजा जगन्नाथ धवलदेव के साथ मिलकर अंग्रेजों के विरुद्ध जंग छेड़ दिया था. उन्होंने किसानों के हक को लेकर अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था. इस मौके पर आसित सिंह सरदार, सुनील सिंह, बंक्रिम सिंह, अर्जुन सिंह, मंगल सिंह, लक्ष्मण सबर, उत्तम सिंह, श्यामल सिंह, वरूण सिंह, जय सिंह, रंजीत सिंह आदि उपस्थित थे.