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Ghatshila (Rajesh Chowbey) : घाटशिला प्रखंड के फुलपाल में तीन दिवसीय पीठा छाकाव मेला का समापन सोमवार को हुआ. इस मौके पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू मौजूद थी. श्रीमती मुर्मू ने कार्यक्रम का उद्धघाटन कर विजेताओ को पुरस्कृत किया. पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा कि मेला संस्कृति से हर वर्ग में भाईचारा बढ़ता है. फुलपाल का पीठा छाकाव मेला क्षेत्र का प्रसिद्ध मेला है.
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यह 60 वर्ष के गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है. परंपरा और संस्कृति को बचाने की जिम्मेदारी अब युवा पीढ़ी पर है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभा की कोई कमी नही है. पारंपरिक खेलकूद मनोरंजन और प्रतिभा तराशने का उचित माध्यम है. मेला को सफल बनाने में कमेटी के शिवा हेम्ब्रम, मोहन टुडू, संजय किस्कू, संजय माण्डी, अशोक मुर्मू, फकीर हेम्ब्रम, अजय हेम्ब्रम, सुमन टुडू, डोमन टुडू, निमाई मुर्मू, सुखदेव टुडू का सराहनीय योगदान रहा.
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चाईबासा : जैसे गीता कांग्रेस में शामिल हुईं, वैसे भाजपा में गईं : सन्नी
Chaibasa (Sukesh kumar) : कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा आज वैसे ही भाजपा में शामिल हो गई है, जैसे 2018 में लोकसभा चुनाव के पहले वह कांग्रेस में शामिल हुई थी. बावजूद इसके अचानक सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की राजनीतिक तापमान बहुत बड़ गया है. फिर बहुत तेजी से चौक चौराहे में राजनीतिक चर्चा गरम हो गया है. झारखंड पुनरूत्थान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने कही. उन्होंने कहा कि राजनीति करने वाले सभी क्रियाशील नेता, कार्यकर्ता अपना अपना अंक गणित बताने लग गए है.
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उन्होंने कहा कि क्यों न हो सूबे में एकमात्र कांग्रेस की सांसद जो थी. हमको याद है यही शुभम संदेश में सांसद गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने का खबर पर सनसनी फ़ैल गया था. जब विगत वर्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चाईबासा आए थे. जिन्होने कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा के बारे में टाटा कॉलेज चाईबासा के मैदान से कुछ नहीं बोला था. आखिरकार गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने का जो अटकल एक वर्ष से चल रहा था आज सच साबित हो गया है. मेरे नजर में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सांसद गीता कोड़ा राजनीतिज्ञ से अधिक अच्छा व्यवसायी हो गए है. वह पूंजीपतियों के लिए काम करते है. इसका सबसे बढ़िया उदाहरण जब गीता कोड़ा सांसद बनी और शपथ ली.
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शपथ लेने के डेढ़ महीने बाद सबसे पहले संसदीय क्षेत्र के आदिवासी मूलवासी जनता जनार्दन से बिना बिना पूछे ही सबसे पहले वह राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से उनके कार्यालय में मिलने गई. मिलकर गीता कोड़ा ने सिंहभूम संसदीय क्षेत्र के स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे बनाने के लिए लिखित मांगपत्र सौंपी. जिसके कारण पश्चिमी सिंहभूम जिला के चार सड़क को नेशनल हाईवे घोषित किया गया. उस सड़क को नेशनल हाईवे का मान्यता मिलने के साथ ही पिछले वर्ष मार्च महीने में जमशेदपुर आकार नितिन गडकरी ने ऑनलाइन शिलान्यास किया था. जिस कार्यक्रम में सांसद गीता कोड़ा भी शामिल हुई थी. झारखंड के कोई भी महागठबंधन दल के मंत्री विधायक शामिल नही हुआ था. उसी समय चाईबासा, जगन्नाथपुर,चक्रधरपुर बायपास सड़क का शिलान्यास हुआ था. अब जब बायपास सड़क निर्माण कार्य के लिए राजपत्र प्रकाशित कर विज्ञापन जारी किया गया.
दो वर्षों से बायपास सड़क के नाम पर जिन आदिवासी मूलवासियों की बहुफसली सिंचित कृषि भूमि का अधिग्रहण करने के लिए नोटिस जारी किया गया. अब उन आदिवासी मूलवासियों को अनैच्छिक रूप से विस्थापित होने का भय सता रहा है. उनको उनका संस्कृति खत्म होने का भय सता रहा है. साथ ही देशाउली, सासन दीरी भी बायपास सड़क के चपेट में आने से लोग हैरान परेशान है. उन प्रस्तावित एनएचएआई सड़क से सिर्फ बड़े बड़े पूंजीपतियों को फायदा होगा. स्थानीय चार पहिया वाहन वाले जमीन देने के बाद भी सिर्फ टोल टैक्स भरते रहेंगे. स्थानीय निरक्षर निर्दोष ग्रामीण भारी वाहन के चपेट में आकर प्रतिदिन दुर्घटना का शिकार होकर जीवन गवांते रहेंगे. इसलिए सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की जनता जनार्दन को गीता कोड़ा की कार्यसंस्कृति पर ध्यान देने की अवश्यकता है.
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