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घाटशिला: आठ साल बाद साठ लाख रोजगार देने का आश्वासन दुर्भाग्यपूर्ण- स्वपन महतो

Ghatshila: सीपीएम झारखंड राज्य कमिटी के सदस्य बहरागोड़ा निवासी स्वपन महतो ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा संसद में रखे गए बजट प्रस्ताव, सत्ताधारी पार्टी के बहुचर्चित प्रचार  ‘सबका साथ, सबका विकास’  को पूरा करने में बुरी तरह विफल रहा. अब ‘अमृत काल और पच्चीस साल पर नजर’ जैसा नया जुमला गढ़ा गया है. चुनाव के दौरान प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार सृजन के लिए प्रचार किया गया था, आठ साल बाद अब दुर्भाग्य से बजट में केवल साठ लाख रोजगार पैदा करने का आश्वासन दिया गया है. इसे भी पढ़ें: खूंटी">https://lagatar.in/khunti-campaign-intensified-destroyed-four-acres-of-poppy-cultivation/">खूंटी

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अमीरों पर अधिक कर लगाने का सुझाव नहीं माना गया

स्वपन महतो ने कहा कि बजट से पहले  कई अर्थशास्त्रियों के साथ  सीटू किसान सभा, एडवा जैसे संगठनों ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने और सुधारने के लिए संपत्ति (वेल्थ) टैक्स, कारपोरेट कर आदि के माध्यम से अमीरों पर अधिक कर लगाकर कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सृजन और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अधिक बजट आवंटन की मांग की थी. लेकिन कारपोरेट कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए  इस वर्ष भी जरूरतमंद जनता के लिए मुफ्त स्वास्थ्य, शिक्षा और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अपर्याप्त आवंटन का सिलसिला जारी रहा.

प्रस्‍तावित राजकोषीय घाटा और उधार खतरे के संकेत

श्री महतो ने कहा कि दूसरी ओर कारपोरेट्स रियायतों और राहत को जारी रखा गया है. कारपोरेट टैक्स में 3% की और कटौती की गई है इसके विपरीत कृषि उत्पादों की खरीद के लिए बजट आवंटन में 2% की कमी की गई है. इनकम टैक्स में राहत नहीं मिली.  मनरेगा में आवंटन 21-22 के संशोधित आवंटन से 25% कम किया गया. बिना मिश्रित पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है.  प्रस्तावित राजकोषीय घाटा 6.4% तक दिखाया गया है और उधार 42% होगा, जो अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में खतरे का संकेत देता है. इसे भी पढ़ें:जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-cyber-%e2%80%8b%e2%80%8bmiscreants-blew-70-thousand-in-the-name-of-ordering-the-door/">जमशेदपुर

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