Giridih : जिले में कुष्ठ रोगियों की कुल संख्या 270 है. कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए जुलाई में विशेष खोज अभियान चलाया गया था. जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ. कालिदास मुर्मू ने बताया कि 28 लाख लोगों की जांच की गई, जिसमें 2,763 लोग संदिग्ध पाए गए. गहन जांच के बाद मरीजों की संख्या घटकर 100 से अधिक रह गई. जिले में 150 पूर्व के कुष्ठ मरीज हैं. पुराने और नए आंकड़े मिलाकर कुल 270 मरीज हैं.
सदर व गांडेय प्रखंड में सर्वाधिक मरीज
सदर प्रखंड व गांडेय प्रखंड में कुष्ठ रोगियों की संख्या सर्वाधिक है. सदर प्रखंड में 49 तथा गांडेय प्रखंड में 36 कुष्ठ रोग के मरीज हैं. बगोदर प्रखंड में 32, देवरी प्रखंड में 30, पीरटांड़ में 25, बेंगाबाद में 20, धनबार में 17, जमुआ व डुमरी में 16 -16, बिरनी में 12 तथा गावां में सबसे कम 8 कुष्ठ रोगी हैं.
समय-समय पर होता है सर्वे
डॉ. कालिदास मुर्मू ने बताया कि कुष्ठ मरीजों की पहचान के लिए समय-समय पर सर्वे किया जाता है. स्क्रीनिंग के बाद स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में मरीजों का इलाज किया जाता है. जिस घर में मरीज मिलते हैं उस परिवार की हिस्ट्री ली जाती है. रोगी के आसपास भी सर्वे किया जाता है. घर के अन्य सदस्यों को यह रोग न हो इसके लिए रिफैंपाइसिन की गोली खिलाई जाती है. कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए समाज में जागरूकता जरूरी है. जागरूकता नहीं आने पर इसका उन्मूलन नहीं होगा. ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोग इसे दैवीय प्रकोप मानते हैं. इसके लिए जागरूकता जरूरी है. यह दैवीय प्रकोप न होकर रोग है.
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