Giridih : गिरिडीह में जेएलकेएम का वोट बैंक दरक रहा है. गांडेय विधानसभा क्षेत्र पार्टी के उम्मीदवार रिजवान क्रांतिकारी के बाद गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र से इश्तियाक उर्फ लालो के इस्तीफे के बाद जेएलकेएम खेमे में निराशा है. जेएलकेएम सुप्रीमो टाइगर जयराम महतो की कोइरी-कुशवाहा के बाद एक खास वर्ग के वोट बैंक पर नजर थी. शुरुआती दौर में रिजवान और लालो ने दल में मजबूत उपस्थिति दर्ज की थी, पर चुनावी समर के बीच जेएलकेएम से दोनों ने पलटी मार ली. दोनों ने रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता ग्रहण कर ली.सूत्रों की मानें तो जेएलकेएम में आने से पहले पार्टी के नवीन चौरसिया से लालो ने बड़ी डील कीई थी, जिसकी पूर्ति नहीं की गई. तब मामला उलझा और लालो ने जेएलकेएम से नाता तोड़ लिया.
काबिले गौर है कि पिछले नगर निगम चुनाव में लालो ने डिप्टी मेयर का चुनाव लड़ा और अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की थी. चुनाव में उन्हें 25000 से अधिक मत मिले थे. लालो की खास वर्ग पर खास पकड़ है. सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के कारण उस वर्ग पर इनका खासा असर है. यही कारण है कि भाजपा छोड़ इन्हें हर दल अपने खेमे में शामिल करना चाहता है. लालो की भरपाई के लिए जेएलकेएम प्रत्याशी नवीन चौरसिया आम नागरिकों को खास वर्ग का नेता बता अपने दल में शामिल करने की मशक्कत कर रहे हैं. चुनाव के नजीते पर इस उलटफेर का खासा असर पड़ेगा. इसकी भरपाई जितनी नवीन कर पाएंगे, उनकी स्थिति उसी तरह होगी. मामले में जेएलकेएम के सचिव नागेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि लालो कभी पार्टी में नहीं थे, वह मुसाफिर की तरह आए थे और मुसाफिर की तरह चले गए.
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