बूटबरिया का रहने वाला था प्रेम बास्के, गांव में पसरा मातम
Tisari (Giridih) : गिरिडीह जिले के एक और प्रवासी मजदूर प्रेम बास्के (27 वर्ष) की मौत 15 अगस्त मंगलवार को बेंगलुरु में हो गई. वह तिसरी प्रखंड मुख्यालय के समीप बूटबरिया गांव का रहने वाला था. मौत कैसे हुई, इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है. मौत की खबर से पूरे गांव में मातम का माहौल है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिजनों ने बताया कि 2 दिन पहले ही प्रेम घर से बेंगलुरु के लिए निकला था. बेंगलुरु पहुंचते ही उसने अपनी पत्नी को फोन कर पुलिस स्टेशन जाने की बात कही थी. परिवार वाले असमंजस में थे ही कि थोड़ी देर बाद बेंगलुरु पुलिस ने उसी नंबर पर फोन कर प्रेम की मौत हो जाने की खबर दी, वाट्सएप पर एक तस्वीर भी भेजी, जिसमें प्रेम खून से लथपथ होकर फर्श पर गिरा पड़ा था. उसके सिर से बहुत ही ज़्यादा खून बह रहा था. परिजनों ने बताया कि छत से गिरने की वजह से मौत की बात कही जा रही है. हालांकि प्रेम छत पर कैसे पहुंचा? वह खुद गिरा या किसी ने धक्का दिया या कोई और वजह है? ये तो जांच का विषय है. तिसरी पंचायत के मुखिया किशोरी साव और आदिवासी समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष सह भाजपा नेता सोनू हेंब्रम ने पीड़ित परिजनों से मुलाक़ात कर उन्हें ढांढ़स बंधाया और घटना की जानकारी ली.बाबूलाल ने शव लाने के लिए कराई एंबुलेंस की व्यवस्था
भाजपा नेता सोनू हेंब्रम ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को फोन पर घटना की जानकारी दी. बताया गया कि बाबूलाल मरांडी ने बेंगलुरू से शव मंगवाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था कराने के साथ ही मामले की जांच की भी बात कही. मृतक प्रेम बास्के की पत्नी अनीता सोरेन ने बताया कि प्रेम बेंगलुरु में ही रहकर काम करता था .वह 15 दिन पहले ही घर आया था और दो दिन पहले ही वापस बेंगलुरु के लिए घर से निकला . बेंगलुरु पहुंचकर उसने फोन कर पुलिस स्टेशन जाने की बात कही थी. जिसके बाद प्रेम की मौत की जानकारी मिली. परिजन शव को लाने के लिए रवाना हो चुके हैं. यह भी पढ़ें : बेरमो">https://lagatar.in/bermo-aadhaar-card-not-made-even-after-the-order-of-the-welfare-minister-the-death-of-divyang-khushboo/">बेरमो: कल्याण मंत्री के आदेश के बाद भी नहीं बना आधार कार्ड, दिव्यांग खुशबू की मौत [wpse_comments_template]
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